जब मामला बच्चे के विजन से जुडा हो किसी भी वजह से नौनिहाल का विज़न प्रभावित हो रहा हो ,माँ बाप को बिना देरी किसी माहिर (ओप्ठेल्मोलोजिस्त ,नेत्र विशेषग्य )के पास पहुंचना चाहिए ,नीम हकीमी आँखों के मामले में खतरनाक सिद्ध हो सकती है ।
"किड्स लूजिंग विजन इन बेंगलोर तालुक ,४०० हंड्रेड चिल्ड्रन ब्लाइन्दिद,फ्लोराइड इन वाटर ,कोन्सन्गुइनेऔस मरीज़ ब्लेम्द "-दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,न्यू -डेल्ही ,जून २२ ,२०१० ,पृष्ठ ४ ,लेट सिटी एडिसन ,पढ़ना बांचना कई चीज़ें चुपके से समझा जाता है ।
(१)एक वंश क्रम में ,पारिवारिक संबंधों में नजदीकी लोगों का परस्पर वैवाहिक संबंधों में बांध जाना .(२)इलाकाई पानी में फ्लोराइड का आधिक्य .(३)बच्चे के शरीर में विटामिन -ए की कमीबेशी ,बीनाई के लिए भारी सिद्ध होती है ,ऐसे में हाथ पर हाथ धरे इंतज़ार करते रहने से कुछ बड़ा अनर्थ हो जाएगा ,डेमेज ज्यादा हो जाने पर फिर आँखों की रोशनी लौटाई नहीं जा सकती ।बड़ी नाज़ुक चीज़ है बचपन ,आँख है तो ज़हान है ,आँख गई तो जग अंधियारा .पांच साल से पहले ही इलाज़ कराना ज़रूरी है .
अब तक के एक अति व्यापक अध्धय्यन में बेंगलुरु तालुक "पवागादा "के २९ ,८०० बच्चों पर ज़ारी अध्धय्यन में नारायण नेत्रालय ,नारायण हृदयालय ,शारदा देवी आई हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ने मिलकर अब तक तकरीबन ४००० नौनिहालों में गंभीर किस्म के नेत्र विकारों का पता लगाया है ।
प्रमुख हैं -लामेल्लर कांजीनितल केतेरेक्त (इस नेत्र विकार में आँख का लेंस ही क्षति ग्रस्त हो जाता है ),रेटिना दिजेंरेसन (इस विकार से ग्रस्त बच्चे दिन छिपते ही ,संध्या के उतरते ही कुछ नहीं देख पाते ),बितोत स्पोट्स ,रेड आईज ,स्त्रबिस्मस (स्क़ुइन्त आई ),आदि .रेटिना ब्लास्तोमा की चपेट में तो पूरे के पूरे परिवार आ रहें हैं ।
तीनों संस्थाओं ने नेत्र चिकित्सालय आपके घर द्वारे के तहत 'मोबाइल टेस्टिंग यूनिट्स 'चलाई हैं ।
जागरूकता ज़रूरी है .
बुधवार, 23 जून 2010
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