खाद्य रेशों से भरपूर खाने की चीज़ें कमतर केलोरीज़ और चिकनाई वाली होतीं हैं .खाद्य रेशे घुलनशील और अघुलन शील दोनों किस्म के होतें हैं .मोटे अनाज (व्हीट ब्रान ,दलिया आदि )इन -सोल्युबिल दाइत्री-फाइबर्स से भरपूर रहतें हैं ।
सोल्युबिल डाईट-री फाइबर्स ब्राउन राईस ,ओट-ब्रान ,ओट (जै ),बार्ले (जौं),फलियाँ (बीन्स ),एपिल्स (सेव ),मूली गाज़र ,तमाम किस्म की हरी तरकारियाँ (मोटा नियम जो भी दांतों में फंसे ,टूथ पिक की ज़रुरत पड़े ),सलाद ,चुकंदर ,रोमेन लेट्युस आदि .यह जल से संयुक्त होकर एक प्रकार का जैल बना लेतें हैं .इन्तेस्तिनल ट्रेक (अंतड़ी -मार्ग )में यही जैलएसिड्स और कोलेस्त्रोल्स के संग बंधजाता है .चस्पा हो जाता है .ईट बा -इंड्स विद एसिड्स एंड कोलेस्ट्रोल इन दी इन्तेस्तिनल ट्रेक .इस प्रकार यह इन दोनों चीज़ों को शरीर तंत्र में लौटने से रोक देता है .इस प्रकार खून में घुली शक्कर और चर्बी दोनों को नियंत्रित रखने दोनों का विनियमन करने में खाद्य रेशे बहुल खाद्य बड़े मदद गार हैं .
सोमवार, 14 जून 2010
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