मंगलवार, 22 जून 2010

जब भ्रम हो प्रेगनेंसी का और .....

कई युवतियों को डिफिकल्ट पीरियड्स होतें हैं ,माहवारी (मासिक धर्म अथवा मेन्स्त्रुअल साइकिल )का वक्फा इनके लिए कष्ट -कारी होता है .यहाँ तक तो ठीक कई मर्तबा 'प्रेगनेंसी 'और प्री -मेन्स्त्रुअल सिंड्रोम 'के लक्षण यकसां ,कन्फ्युसिंग होतें हैं ।
'ब्रेस्ट टेंडर -नेस (सेंसिटिव टू टच ),नाजिया ,मतली होने की अनुभूति ,उनींदा -पन प्रिमेन्स्त्रुअल सिंड्रोम के आम लक्षण हैं ,अलावा इसके अब्दोमिनल क्रेम्प्स (पेट की ऐंठन के साथ दर्द भी कई युवतियों को झेलना पड़ता है ।).
डिप्रेसन (अवसाद ,खिन्नता ,उदासी ,अन्य -मनास्कता ,अनमनापन ),चिद -चिडा -हट,इर्रितेबिलिती ,ओवर -सेंसिटिविटी ,मूड स्विंग्स ,अफारा ,डकार आना ,गैस के कारण पेट फूलना ,एकने ( कीलमुहांसे),कुछ ख़ास चीज़ें खाने की ललक (क्रेविंग्स ),खासे संभ्रम पैदा करने वाले लक्षण सिद्ध होतें हैं ।
समाधान है सबसे बढ़िया ,एक मेन्स्त्रुअल डायरी रखना ,हिसाब किताब रखना ,आगे पीछे के पीरियड्स का .इससे आप को पीरियड्स का टाइम -पीरियड्स पता रहेगा .पुनरावृत्ति का बोध रहेगा ।
यदि ऐसा ओव्युलेसन के आस पास होता है (साइकिल के बीच में ,मिड साइकिल में )या फिर ड्यू डेट से ७ -१० दिन पहले होता है ,संभावना यही ज्यादा रहती है यह प्री -मेन्स्त्रुअल सिंड्रोम ही है ।
मेन्स्त्रुअल ब्लीडिंग के शुरू होतें ही भ्रम के बादल उड़ जायेंगें ,लेकिन यदि ऐसा नहीं भी होता है ,५ दिन ऊपर हो जातें हैं ,तब आपके और इंतज़ार का कोई मतलब नहीं है ,"गो फॉर यूरिन फॉर पेर्गनेंसी टेस्ट "(यह टेस्ट घर में भी हो सकता है ,क्लिनिक में भी .).अलबत्ता होना चाहिए ताकि स्थिति साफ़ हो ।सुबह उठने के बाद पहले यूरिन का साम्पिल मिड स्ट्रीम से लेना चाहिए ,जांच के लिए .
सन्दर्भ -सामिग्री :-यु आस्क /अवर एक्सपर्ट्स आंसर्स /डॉ कामिनी राव ,इन्फर्तिलिती एक्सपर्ट एंड प्रेसिडेंट ,इंडियन सोसायटी फॉर असिस्तिद ऋ -प्रोडक्सन /प्रिवेंसन ,हेल्थ मैगजीन ,जून अंक ,पृष्ठ ११

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