सून ,ब्लड टेस्ट तू प्रिडिक्ट मिनोपौज़ :साइंटिस्ट्स (दी इंडियन एक्सप्रेस ,इंटर -नेशनल ,जून २८ ,लेट सिटी एडिसन ,नै -दिल्ली ,पृष्ठ ११ ।).
योरोपीय फर्टिलिटी कोंफरेंस(रोम में आयोजित ) के समक्ष शीघ्र ही इरानी साइंसदान अपने उस अध्धय्यन के बारे में खुलासा करेंगे जिसमे इन्होनें २०-४० साला २६६ महिलाओं के खून के नमूने लेकर एक 'एंटी -मुल्लेरियन हारमोन 'की मौजूदगीकितनी है , दर्ज़ की है ।
इस हारमोन "ए एम् एच "की मात्रा यह खबर दे सकती है ,अब अंडाशय (ओवरीज़ )में कितने अंडे बचे हैं .जन्म के समय इनकी तादाद सुनिश्चित संख्या लिए होती है ।
इसके बाद के ६ बरसों में एक बार फिर दो और ब्लड साम्पिल्स इन महिलाओं के लिए गए .अलावा इसके इनका फिजिकल एग्जामिनेसन भी किया गया ।
इसी हारमोन की मात्रा पर आधारित अब एक गणितीय माडिल तैयार किया गया .यह एक प्रकार से भविष्य कथन ,एक प्रागुक्ति ,बन सकता है .बतला सकता है -"कब महिला मिनो -पौज़ल हो सकती है ,रजो -निवृत्त हो सकती है ,कब तक मेन्स्त्र्युअल् ब्लड फ्लो छीज कर बंद हो सकता है मुकम्मिल तौर पर "
इस परीक्षण की कामयाबी उन महिलाओं के लिए बड़े काम की साबित हो सकती है ,जो जल्दी मीनो -पौज़ल हो जायेंगी (चालीस के आसपास ही प्रौढावस्था से पहले ,फोर्तीज़ में ही )।
वक्त रहते महिला माँ बनने के वक्त का निर्धारण कर सकती है .मिनो -पोज़ से दस बरस पहले ही फर्टिलिटी छीज सकती है . अध्धय्यन के दरमियान ६३ महिलायें रजो -निवृत्त भी हो गईं .चार माह का बामुश्किल फर्क दर्ज़ किया गया ,प्रिदिक्सनऔर वास्तव में मीनो -पोज़ल होने में ।
भरोसे मंद माना जा सकता है इस प्रागुक्ति ,भविष्य -कथन को .१९९८ से ज़ारी है यह अध्धय्यन ।
इस मोडिल के कामयाब सिद्ध होने के गहरे अर्थ निकलेंगें .२० साल की उम्र में ही इस ब्लड टेस्ट के ज़रिये रजो -निवृत्ति की उम्र जानी जा सकेगी .यही कहना है डॉ रमजानी तेहरानी का .आप शहीदबेहेष्टि यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेडिकल साइंसिज़ ,तेहरान में असोशियेत प्रोफ़ेसर है ,इस अध्धययन के मुखिया भी आप ही हैं .
सोमवार, 28 जून 2010
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