जब सामने से दनदनाती तेज़ रफ़्तार रेलगाड़ी प्लेट -फाम पर आती है ,आप एहतियातन थोड़ा ट्रेक से हठके ही खड़े होतें हैं .यदि आप ऐसा नहीं करेंगें तो अपने को खतरे में डाल सकतें हैं .क्यों ?गाडी अपने रास्ते की हवा को धक्का देती दूर धकेलती चलती है .इसके कारण एक आंशिक निर्वात (पार्शियल वेक्यूम) बन जाता है ,जिसे भरने के लिए पार्श्व से हवा दौड़ती है .यही वायु राशि आपको ट्रेक की और धकेल सकती है ।
वैसे भी जहां वेग ज्यादा होता है वहां वायु दाब घट जाता है .(व्हेयर वेलोसिटी इज मोर प्रेशर इज लेस एंड वासे वर्सा-बर्नौली का प्रमेय ,बर्नोलीज़ थ्युओरम ).इसीलिए तेज़ अंधड़ छप्पड़ ,टीन आदि की छतों को उड़ा ले जाता है .कारण ?छप्पड़ के अन्दर वायु दाब सामान्य रहता है ,छत पर अंधड़ के वेग से घट जाता है .वायु दाब को बराबर करने के लिए वायु राशि अन्दर से बाहर (ऊपर की ओर )दौड़ती है और छप्पड़ उड़ जाता है .
रविवार, 20 जून 2010
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