वैश्याओं की तुलना में उन लोगों के लिए यौन रोगों के खतरे का वजन कहीं ज्यादा रहता है जो अपने साथियों की परस्पर अदला बदली करते रहतें हैं ।
ए पर्सन हूँ हेज़ सेक्स विद मैनीपार्टनर्स इज काल्ड 'स्विन्गार्स .ऐसे ही स्विन्गार्स पर संपन्न एक अध्धय्यन में रिसर्चरों ने पता लगाया है ,जो लोग खासकर ऐसी जीवन शैली अपनाए हुएँ हैं जहां अपने पार्टनर्स (जीवन साथी )की परस्पर अदला बदली करना आम बात है खासकर ४५ साल से ऊपर की उम्र केऐसे ही लोग ,उनमे यौन संचारी रोगों (सेक्स्युअली त्रास्मितिद दिसीज़िज़ ),यौन संपर्कों से पैदा रोगों का ख़तरा जिस्म फरोशी करने वालों से कहीं ज्यादा बढ़ जाता है .फिर भी यह सामाजिक तबका स्वास्थ्य सेवाओं की नजर से बाहर बना हुआ है .किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा है इनकी ओर ।
दुनिया भर में ऐसे लोगों की संख्यादसियों लाखों में होगी जो 'यौन संचारी रोगों 'के लिए एक ब्रिज (एक त्रान्स्मिसन ब्रिज )एक पुल का काम कर रहें हैं ,चुपके चुपके .शेष आबादी इनसे कबतक बचेगी ,बची रहेगी ,इसका कोई निश्चय नहीं ।
नीदर -लैंड के साइंस -दानों ने अपने अध्धययन के नतीजे 'ब्रिटिश मेडिकल जर्नल 'में प्रकाशित कियें हैं ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-स्विन्गार्स फेस ए हां -यर रिस्क ऑफ़ सेक्स दिसीज़िज़ (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,जून २५ ,२०१० ).
शुक्रवार, 25 जून 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें