क्या आप जानतें हैं एक सी टी स्केन से आपका शरीर उतना ही असरग्रस्त होता है जितना छाती के ४४७ एक्स रेज़ कराने के बाद ।
२००७ में जिन अमरीकियों ने 'सी टी स्केन 'करवाया था संभावना व्यक्त की गई है उनमे से २९,००० कैंसर रोग की चपेट में आ जायेंगें ।
१९९३ के बरक्स आज डॉ रोग- निदान के लिए तीन गुना ज्यादा सी टी स्केन करवाने की तस्दीक कर रहें है .जुटाए गए आंकड़े साक्षी हैं ,इस परीक्षण के दरमियान कई मर्तबा ज़रुरत से ज्यादा "विकिरण प्रभावन ,विकिरण असर्ग्रस्तता' झेलनी पड़ती है .
अमरीकी नेशनल कैंसर रिसर्च संस्थान के एक अध्धययन के अनुसार आखिर कार १५,००० अमरीकी 'सी टी स्केन जन्य'कैंसर से शरीर छोड़ जायेंगें .
लेकिन इन अवांछित प्रभावों के ऊपर बिला शक सी टी स्केन से होने वाले फायदों को ज्यादा तवज्जो दी जाती है .रोग निदान का बेहतरीन ज़रिया तो यह है भी लेकिन दाय्गोनोस्तिक टूल्स के अपने नुक्सानात है .देखना यह होता है ,पलड़ा किस ओर झुकता है ,यानी लाभ ज्यादा है या संभावित नुक्सान ।
बेशक लाइफ सेविंग टूल्स हैं सी टी स्केन्स ,लेकिन सदैव ही ऐसा नहीं होता है .गैर ज़रूरी सी टी स्केन्स भी 'रोग -निदान यानी डायग्नोसिस 'में आदरणीय स्थान बनाए हुए हैं ।
रीटा ऍफ़ .रेड्बेर्ग ,एम् डी ,सम्पादक ,आर्काइव्स ऑफ़ इन्टरनल मेडिसन कहतीं हैं -संभावित किडनी -स्टोंस (सस्पेक्तिद किडनी स्टोंस )माइनर - हेड- ट्रौमा ,एब्डोमिनल पैन केसी टी स्केन नतीजे मुनासिब नहीं रहते ,गैर ज़रूरी सिद्ध होतें हैं .आप ही इस रिसर्च पेपर की अगुवा हैं ।
"सस्पेक्तिद किडनी स्टोंस ,माइनर हेड ट्रौमा ,एंड एब्डोमिनल पैन आर पर्तिक्युलारली लाइकली तू रिज़ल्ट इन अन -वारंतिद स्केन्स ."डॉ रीता ऍफ़ .रेड्बेर्ग ,एम् डी .एडिटर ऑफ़ दी आर्काइव्स ऑफ़ इन्टरनल मेडिसन "
क्या किया जाए इस प्रोद्योगिकी (दाय्गोनिस्तिक टूल )का पूरा ओर निरापद दोहन करने के लिए ?
क्या स्केन के नतीजे 'ट्रीटमेंट प्लान /इलाज़ पर असर डालेंगें ?क्या इसका कोई विकल्प है जहां इतना रेडियेशन शरीर पर ना पड़े ?क्या फैसला स्केन करने के स्थापित नियम -कायदे के अनुरूप ही लिया गया है ?
ये तमाम सवालात डॉ से पूछना मरीज़ और उसके तीमारदार के हक़ के दायरे में आता है ।
क्या बच्चों के मामले में सी टी स्केन मशीन को कोई और अद्जस्मेंट के लिए प्रोग्रेम करना पड़ता है ,ताकि कमसे कम 'विकिरण -डोज़ 'बच्चे पर पड़े ?
नौनिहालों को ही अपेक्षया ज्यादा असरग्रस्त बनाता है रेडिएसन ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-सी टी स्केन कॉशन/सो यु थोट सी टी स्केन्स वर सेफ ?आर डी लिविंग /आर डी हेल्थ /रीडर्स -डाइजेस्ट /अप्रैल अंक /पृष्ठ १४९ -५० .
गुरुवार, 10 जून 2010
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