इरेक्टाइल -दिस्फंक्सन (लिंगोथ्थान अभाव )तथा प्री -मच्युओर -इजेक्युलेसन आज के दौर में खासा आम हो चला है .नीम -हकीम इसका पूरा फायदा उठा रहें हैं ।
साइंसदान लगातार नित नए नुस्खे तलाश रहें हैं .अब एक ऐसे 'स्प्रे 'की चर्चा है जिसे सम्भोग से बस पांच मिनिट पहले लिंग पर छिड़क लेने के बाद आप अपनी परफोर्मेंस ५-६ गुना बढा सकतें हैं .५.५ गुना देर तक सहवास -रत बने रह सकतें हैं अपने हमसफ़र के साथ ।
प्री -मेच्युओर इजेक्युलेसन की दवा है -पी एस डी ५०२ .बस इसका एक मीतर्द डोज़ चाहिए इंटरकोर्स से पांच मिनिट पहले स्प्रे के रूप में .एक दिओद्रेन्त की तरह इसका स्तेमाल आसान है ।
यूं एस कनाडा तथा यूरोप में प्राइमरी -प्री -इजेक्युलेसन के मामलों में इस दवा के ५५६ रेंडम -आइज्द तथा ५३६ ट्रितिदआजमाइशेंतीन माह के दौरान की गईं .दवा के २३,०० एक्स्पोज़र्स रिकार्ड किये गए .स्प्रे स्तेमाल करने वाले सब्जेक्ट्स अपने पार्टनर्स के संग ५.५ गुना ज्यादा समय तक मैथुन रत रहे ,बरक्स उनके जिन्हें प्लेसिबो (छद्म दवा )दी गई .
पी एस डी ५०२ एक डी-सेन्सिताइज़िन्ग ड्रग है जो 'लिदोकैने 'तथा प्रिलोकैने दवाओं का मिश्र (कोम्बो )है .केलिफोर्निया यूनिवर्सिटी ,संफ्रंसिसको में युरोलोजी के प्रोफ़ेसर इरा शर्लिप के नेत्रित्वमें इस नैदानिक परीक्षण को सम्पन्न किया गया है .नतीजे उत्साह -वर्धक रहें हैं ।
तकरीबन १८ -५९ साला ३० फीसद लोग इस दवा का फायदा उठा सकतें हैं .हालाकि प्री -मेच्युओर इज्क्युलेसन की कोई मानक परिभाषा नहीं रही है .शिकायत लेकर आने वाले ही आधार हैं .माना जाता है ऐसे लोग औरत के अन्दर दाखिल होने के एक मिनिट बाद ही निवृत हो जातें हैं .टिके रहना मुमकिन नहीं रहा है ।
सन्दर्भ सामिग्री :-स्प्रे हेल्प्स मेंन लास्ट सिक्स टाइम्स लोंगर (दीटाइम्स ऑफ़ इंडिया ,जून २ ,२०१० )
बुधवार, 2 जून 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें