इटली के नेशनल इन्स्तित्युत फॉर न्यूक्लियर फिजिक्स के साइंसदानों ने ९८ फीसद शुद्धता के साथ ऐसे प्रेक्षण लिए हैं जिनसे पता चलता है ,भौतिकी -विदों के लिए अब तक पहेली बने रहे न्युत्रिनोज़ 'न्यूट्रिनो -ओस्सिलेसन प्रक्रिया के तहत एक और कण'तौ '(ताऊ पार्तिकिल )में तब्दील हो जातें हैं ।
'लिटिल न्यूट्रल कण के नाम से विख्यात यह कण तकरीबन प्रकाश के वेग से ही गति करता है .पदार्थ के साथ इसका इन्तेरेक्सन लगभग ना के बराबर ही होता है .रास्तें में आई बाधाओं का यह नोटिस ही नहीं लेता है .पृथ्वी के एक पोल से प्रवेश कर दूसरे से साफ़ निकल जाता है, हज़ारों हज़ार बार .होली ग्रेल ऑफ़ पार्तिकिल फिजिक्स रहा है यह कण ।
स्टेंडर्डमोडिल ऑफ़ फिजिक्स के अनुसार इसका द्रव्य मान शून्य होना चाहिए .संदर्भित प्रयोगों से पता चला है इसमें कुछ ना कुछ द्रव्य -राशि होनी चाहिए .आइन्दा होने वाले प्रयोगों से भी यदि इसके द्रव्य -मान का होना सुनिचित होता है तब द्रव्य के बारे में द्रव्य की बुनियादी कणिकाओं के बारे में एक बड़ा फेर बदल हो सकता है .प्रचलित धारणाये धराशाई हो सकतीं हैं ।
बरसों से साइंस दान ऐसा मानते समझते आयें हैं ,पृथ्वी पर पहुँचने वाले न्युत्रिनोज़ की तादाद उस संख्या से बहुत कम रही है जिसकी घोषणा विभिन्न सौर -मोदिल्स करते आयें हैं .प्रेक्षित न्युत्रिनोज़ की संख्या प्रागुक्त न्युत्रिनोज़ से बहुत कम रही है .'आखिर कहाँ गए लापता न्युत्रिनोज़ बरसों से यह गुत्थी अनसुलझी पड़ी रही है .पहली मर्तबा इटली से इन लापता कणों का सुराग मिलता प्रतीत होता है .बेशक अभी और प्रयोगों से भी 'मिसिंग न्युत्रिनोज़ 'का सुराग और हिसाब -किताब मिलना चाहिए .द्रव्य -मान यदि है इनका तो कितना है ?अभी अनुमेय ही है सब कुछ .
सन्दर्भ -सामिग्री :-सोल्व्ड अत लास्ट :दी मिस्त्री ऑफ़ मिसिंग न्युत्रिनोज़ (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,जून २ ,२०१० )
बुधवार, 2 जून 2010
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