रेड अलर्ट :धूम्र -पानी माँ -बाप को पप्पी नहीं देने का है .भाग जाइए वहां से ,चूमने मत दीजिये स्मोकिंग पापा को धूम्र्पानी मोम को ,यही सन्देश है एक ताज़ा अध्धय्यन का .,नौनिहालों के लिए .बच्चे सन्देश को दूर तक लाते ले जातें हैं .माउथ-तू -माउथ कम्युनिकेसन आज भी संचार का बेहतरीन ज़रिया है .नेशनल सेंटर फॉर इम्युनाइज़ेसन एंड रिसर्च ,सिडनी के 'दी चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल ,वेस्त्मेअद 'के निदेशक महोदय कहतें हैं -'स्मोकर्स आर प्राइम केन्दिदेट्स फॉर केरिंग दी पोतेंशियाली डेडली मनिन-गो -को -केस बेक्टीरिया इन दी बेक ऑफ़ देयर थ्रोट्स .'वेक्टर' है धूम्र्पानी मनिन -गो -कोकअस बेक्टीरिया के .मनिन -गो -कोकल डिजीज के लक्षणों में अचानक ज्वर ग्रस्त होना ,तेज़ सिर दर्द ,चक्कर आना ,सोर लेग्स और सोर जोइंट्स (टांगों और जोड़ों की दुखन ),तेज़ रौशनी से घबराहट ,मितली आना आदि शामिल हैं ।
इस बीमारी का ख़तरा तब भी बना रहता है जब माँ -बाप घर से बाहर जाकर ही स्मोक करतें हैं .पोटेंट करियर हैं स्मोकर्स इस जीवाणु के ।
संक्रमित होने के बाद हरेक दस के पीछे एक बच्चा मारा जाता है इस खतरनाक सौगात के ज़रिये ।
बेशक घर से बाहर जाकर सिगरेट आदि पीना नौनिहालों को पेस्सिव स्मोक से पैदा हो सकने वाले खतरों यथा -मिडिल ईयर इन्फेक्सन ,एस्मा तथा सदेंन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम से बचाए रह सकता है लेकिन स्मोकर्स को बच्चों से फासला रख कर ही मिलना चाहिए ।चूमना चाटना खतरनाक सिद्ध हो सकता है .धूम्र -पान या पप्पी खुद चुन लें .
सन्दर्भ -सामिग्री ;-बिवेयर !स्मोकर्स किस केंन बी डेडली (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,जून ३ ,२०१० )
गुरुवार, 3 जून 2010
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