सिर्फ रस्म अदायगी भर नहीं है हाथ धोने की आदत ,रोगों से बचाव भी है .पांच मई को हमने 'सेव लाइव्स :क्लीन यूओर हेंड्स 'विश्व -स्वास्थ्य संगठन की पहल पर 'दूसरे आलमी दिवस 'ग्लोबल -डे'के बतौर मनाया है ।
हाथ धोना ज़रुरत के मुताबिक़ धोना एक कला भी है स्वास्थ्य सचेत विज्ञान भी .ना सिर्फ कई रोगों से बचाव का ज़रिया बनती है यह आदत सौन्दर्य -बोध भी है ।
केवल स्वास्थ्य कर्मियों के लिए ही नहीं आम जन के लिए भी इस आदत के साफ़ सफाई से आगे ,संक्रमण से बचाव के बतौर गहरे अर्थ हैं .कन्जक्तिवाइतिस ही नहीं आम कफ एंड कोल्ड से बचने का भी यह भरोसे मंद ज़रिया बनती है ।
कब एक दम से ज़रूरी हो जाता है हाथ धोना और कैसे धोना है हाथों को ,कौन से साबुन या सेनिताइज़र से ,एल्कोहल -बेस्ड हेंड वाइप्स का स्तेमाल करना है यह एक एहम सवाल है ।
(१)जब घर -परिवार में किसी को आँखों का रोग 'कंजक्ति -वाइटिस'है ,किसी को भी सर्दी जुकाम की शिकायत है ,बार बार कोई छींकरहा है ,खांस रहा है .बहती नाक को रोकने के लिए सूँ-सूँ कर रहा है ,सुड़करहा है ,आम फ्लू का शिकार है .और भी अनेक स्थितियां हैं रोग कारक .ऐसे में डोर नोब्स ,नलकों ,टेलीफोन्स,गैस नोब्स ,स्विचिज़ आदिके स्तेमाल के बाद भी लाइफ बॉय साबुन से हाथ धोना है .साबुन मलते वक्त ,ऊंगलियों के बीच हथेलियों के ऊपरी हिस्से पर साबुन मलते वक्त कम से कम ८ तक गिनती गिनना है (१५ -२० सेकिंड्स तक हाथ रगड़ना है ),पानी से साफ़ करते वक्त कलाइयों से ऊपर से नीचे की तरफ रिंस करना है ,ड्रेन करना है पानी को ,साबुन का कोई अंश ना रहे ।
(२)बाथरूम्स के स्तेमाल के बाद ,बच्चे का डाइपर बदलने के बाद हाथ ठीक से धोना ही धोना है .यात्रा के दरमियान सेनिताइज़र्स,एल्कोहल -बेस्ड -वाइप्स का स्तेमाल कीजिये (यदि पानी उपलब्ध नहीं है तब ).यदि ज़ेल सेनिताइज़र काम में ले रहें हैं तब हाथों को तब तक आपस में रगड़ इए जब तक हाथ सूख ना जाएँ ।
छींकने , खांसने ,रुमाल का स्तेमाल करने बाद भी हाथ धोना है ।
(३)कुछ भी खाने से पहले और बाद में ।
(४)गंदे बर्तनों को उपचारित करने साफ़ करने के बाद ।
(५)खाना बनाने की तैयारी से पहले ,खाना बनाने से पहले ।
(६)राव मीट,पोल्ट्री ,फिश ,शेलफिश ,एग्स आदि तैयार करबे से पहले और बाद में ।
(७)कचरे के निपटान के बाद ,किसी से भी हाथ मिलाने और पेट्स के संग खेलने के बाद ।
अमरीकी 'सेंटर्स फॉर डिजीज एंड प्रिवेंसन 'के मुताबिक़ -
(१)हाथ धोने के लिए साबुन और गुनगुने जल का स्तेमाल करें ।
(२)१५ -२० सेकिंड्स तक हाथ साफ़ करें ।
(३)नाखूनों पर भी ध्यान दें ,हाथों की सफाई के वक्त ।गंदगी छिपी हो सकती है नाखूनों के बीच में ।
(४)पेपर टॉवेलसे हाथ पौंछे ,
(५)पानी की टोंटीबंद करने से पहले साफ़ किये गए हाथों से पेपर टोविल की सहायता से ही टैप बंद करें .ताकि एक दीवार वायरस और हाथों के बीच आ जाए ,टोंटी से चस्पां हो सकतें हैं ,विषाणु ।
(६)साफ़ हाथ सुखी हाथ .सुखी आप .
गुरुवार, 10 जून 2010
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