मर्दों के लिए एक दिन में दो तथा औरतों के लिए एक ड्रिंक लेना औरत -मर्द दोनों की दिल की सेहत की नव्ज़ से जुडाबतलाया गया है .अक्सर लोग कहतें हैं 'मोडरेसन इज दी की '।
क्या वाइन ,व्हिस्की (शराब )दिल के लिए वाकई अच्छी है ?हाल के दिनों में रेड वाइन को भी बेहद हाइप किया गया है .कहा गया है यह कोलेस्ट्रोल (दिल का दोस्त हाई -डेंसिटी -लिपो -प्रोटीन्स ,एच दी एल )को कम करता है .एंटी -ओक्स्देंट्स से भरपूर हैं रेड और वाईट वाइन ।
बेशक औरतों के मामले में फायदे कमतर बतलाये गये हैं .तथा वीक एंड्स में बिंज ड्रिंकिंग करने वाले तो नुकसानी ही उठातें हैं .
बेहिसाब शराब पीना हाई -पर -टेंसन की वजह बनता है .रक्त चाप को बढाता है .दिल केठीक से फंक्सनकरने को बाधित करता है ।
एक भारतीय अध्धययन का यहाँ उल्लेख करना प्रासंगिक है .इस स्टडी के मुताबिक़ एल्कोहल भारतीयों को कोई फायदा नहीं पहुंचाता है .दिल का बचाव नहीं करती है 'शराब '.हिसाब से शराब पीने वाले कथित मोडरेट ड्रिंकर्स के लिए भी 'कोरोनरी हार्ट डिजीज 'के खतरे का वजन ६०%ज्यादा हो जाता है ,शराब ना पीने वालों की तुलना में ।
ज़ाहिर है इसकी वजह भारतीयों की आनुवंशिक बुनावट में छिपी हो सकती है .शायद एक वजह यह भी रहती आई है :भारतीय शराब के साथ तला भुना ,हाई -केलोरीज़ मिक्सचर जरा ज्यादा ही ले लेतें हैं .बिंज ड्रिंकिंग तो इसकी वजह है ही ।
विशेष -कथन :मेरा अनुभव है किन्ही दो हृद -रोग विदों की राय शराब /वाइन /व्हिस्की के बारे में यकसां नहीं होती .आदमी वाइन से कब खिसक कर व्हिस्की और फिर रम इतर हार्ड ड्रिंक्स की तरफ चला आये इसका कोई निश्चय नहीं .बेहतर है इस 'मिथ 'को खरीदा ही ना जाए .शराब -वाइन -बीयर -वोदका -ड्राई -जिन सब एक ही थाली के बैंगन /चट्टे-बट्टे हैं .इनसे दूरी ही भली ।शराब ,शबाब और कबाब को ज़िंदा रहने का ज़रिया बतलाने वालों के बारे में हम कुछ नहीं कहेंगें .
सन्दर्भ -सामिग्री :-प्रिवेंसन (हेल्थ मैगजीन ,अप्रैल अंक ,पृष्ठ १०४ )
सोमवार, 7 जून 2010
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