सोमवार, 7 जून 2010

दवाएं जो पैदा करतीं हैं रोग.. ..

नीमुस्लाइड:एक एनाल्जेसिक (दर्द -नाशी ),ज्वर -नाशी (एंटी -पाय्रेतिक )दवा है जो इन दिनों पश्चिमी मुल्कों में प्रति -बंधित है .सिंगापुर ,बांग्ला देश ,नाइ -जीरिया में भी बालिगों ,१२ साल से छोटे बच्चों में इसके अवांछित परिणाम सामने आने पर इसकी बिक्री रोक दी गई है ।
योरोपीय मेडिकल एजेंसी ने तमाम २५ सदस्य देशों में भी इसकी बिक्री पर रोक लगा दी है .१२ साल से कम उम्र बच्चों को अब यह दवा यहाँ नहीं दी जायेगी .बच्चों में यह दवा लीवर को डेमेज कर देने ,घातक 'रिये,ज सिंड्रोम पैदा करदेने के लिए कुख्यात है ।
लेत्रोजोल :बेशक रजो -निवृत्त महिलाओं (मीनोपोज़ल वोमेन )में यह दवा स्तन -कैंसर की काट के लिए असरकारी बतलाई गई है .लेकिन भारत में इसका स्तेमाल 'फिमेल -इनफर्टिलिटी -क्लिनिक' धड़ल्ले से कर रहीं हैं .और यह सब उस चेतावनी के बावजूद किया जा रहा है जो ,गाइनेकोलोजिस्ट (स्त्री -रोग विदों एवं प्रसूति -विदों) को बारहा इन्नोवेटर कम्पनी नोवा -रातिस तथा कनाडियन ड्रग रेग्युलेटर ने ज़ारी की है ।
नतीज़ा सामने है .गर्भावश्था के दरमियान जिन१५० महिलाओं ने इस दवा का स्तेमाल किया उनके शिश्युओं में बोन -माल -फोर्मेसंस ,कार्डिएक -स्टेनोसिस ,एवं कैंसर जैसी बीमारियाँ दर्ज़ की गईं हैं ।
दियेंजित :यह एक अवसाद -रोधी कोम्बिनेसन ड्रग है जिसमे फ्ल्यू -पेन -थिक्सोल तथा मेलित्रासिंन एंटी -डिप्रेसेंट के बतौर मौजूद हैं .हालाकि बाद वाली दवा का किसी फार्मा -कोपिया में ज़िक्र नहीं है .भेषज -विज्ञान (फार्मा -कोलोजी )की किसी किताब में भी इसके बारे में कुछ नहीं है .ज़ाहिर है ,स्टेट ड्रग टेस्टिंग लेब्स इसकी गुणवता और असर की जांच ही नहीं कर सकतीं ।
मास्क्ड -डिप्रेसन ,साइको -सोमातिक -अफेक्संस ,मीनोपोज़ल -डिप्रेसन ,पियक्कड़ों में होने वाले डिस-फोरिया के इलाज़ और प्रबंधन में हमारे यहाँ इसका स्तेमाल हो रहा है .बेशक 'ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ,इंडिया से इसे आदिनांक मंजूरी नहीं मिली है ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-प्रिवेंसन (हेल्थ मैगजीन ,अप्रेल अंक )/डॉ चंद्रा एम् गुल्हाटी ,सम्पादक मंथली इंडेक्स ऑफ़ मेडिकल स्पेसलियीतीज़ /चन्द्र.जी @ प्रिवेंसनइंडिया.कॉम

कोई टिप्पणी नहीं: