क़ुतुब मीनार के प्रांगन में खड़े अशोक स्तंभ की ही तरह चीन की दीवार फौलादी इरादों के संग खड़ी मौसम की मार झेलती रही है .कौन से मसाले (गारा ,चूने )से बनी है यह दीवार ।
अमरिकी केमिकल सोसायटी जर्नल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़ यह दीवार अब से तकरीबन १५,०० साल पहले उस मसाले (गारे ,चूने )से तैयार की गई है जिसमे बुझे हुए चूने के अलावा 'स्टिकी -राईस 'धान या चावल के मांड का स्तेमाल एक महत्वपूर्ण घटक में बतौर किया गया है ।
साइंसदानों ने इस बात की जांच 'लाइम -मोर्टार 'चूने के गारे में स्टिकी -राईस की अलग अलग मात्रा मिला कर की है .पता चला है इस प्रकार तैयार मसाले से पुरानी इमारतों की (मेसंरीज़ )की तसल्ली -बख्श मुरम्मत की जा सकती है .परम्परा गत 'लाइम -मोर्टार 'से इस गारे (चिनाई में प्रयुक्त मसाले को )ज्यादा असरदार पाया गया है ।
इसकी मेकेनिकल-sत्रेग्थ (यांत्रिक क्षमता ),भौतिक गुण ज्यादा स्थाई पाए गएँ हैं .इसे एक अति -उपयुक्त 'रेस्तोरेसन मोर्टार 'के रूप में एनशियेंट मेसनरी की मुरम्मत और कायमी के लिए कारगर पाया गया है ।
परम्परा गत चीनी मिस्त्री (राजगीर )स्टिकी -राईस ज्यूस के साथ लाइम तथा लाइम -स्टोन से मसाला तैयार करते रहें हैं .ईंटों -और बड़े शिला खण्डों के बीच की दरार को पाटने में इस मसाले को ज्यादा कारगर पाया गया है ।
साइंसदानों के मुताबिक़ इस सुपर -स्ट्रोंग मसाले से भू -कंप रोधी गुम्बद ,तोम्ब्स ,ग्रेट वाल्स ,पगोदाज़ तैयार किये गए थे जो आज भी उस कारी -गरी ,राज -गीरी के साक्षी हैं .यह'मसाला ' एक -मिश्र रहा है 'ओरगेनिक -इन -ओरगेनिक मेतिरीयाल्स का .यानी कार्बनिक और आकार्बनिक दोनों तरह के पदार्थ इस मसाले में डाले गए थे .केल्सियम -कार्बोनेट प्रमुख अकार्बनिक तथा अमिलोपेक्तींन एक कार्बनिक घटक रहा है .स्टिकी -राईस -सूप यानी मांड से ही प्राप्त होता है -अमिलो -पेक्टिन .यह एक इन्हिबिटर का काम भी करता है .यह केल्सियम -कार्बोनेट क्रिस्टलों की ग्रोथ को विनियमित करता है ,कंट्रोल करता है .और इस प्रकार एक माइक्रो -स्ट्रक्चर खड़ा हो जाता है .
त्रेंग्थ s
मंगलवार, 1 जून 2010
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