सोमवार, 9 मई 2011

स्कीमिक स्ट्रोक कब पड़ता है ?

स्कीमिक स्ट्रोक तब पड़ता है जब दिमाग को रक्त ले जाने वाली कोई धमनीआकस्मिक रूप से अवरुद्ध हो जाती है .नतीज़न या तो दिमाग को होने वाली रक्तापूर्ति कम हो जाती है या फिर एक दम से अवरुद्ध ,यह ब्लोकेड कितना %हुआ है ,इस पर निर्भर करता है .पूरी तरह अवरुद्ध होने का मतलब होता है "ब्रेन इन्फार्क्ट- शन "(ब्रेन इन -फाक्शन )।
स्ट्रोक्स के अस्सी फीसद मामले ऐसे ही होतें हैं ।
ब्लड क्लोट्स (खून के थक्के ) (दिमागी )धमनियों या दिमाग को रक्त ले जाने वाली धमनियों के अवरुद्ध होने की आम वजह बनती है जिसकी परिणिति "ब्रेन इन्फाक्शन "में होती है ।
बेशक थक्का बनने की प्रक्रिया ज़रूरी भी रहती है क्योंकि यह प्रक्रिया शरीर के लिए हिफाज़ती होती है ,एक तरफ यह रक्त स्राव को रोकने में विधाई भूमिका निभाती है दूसरी तरफ धमनियों और रक्त वाहिकाओं की टूट फूट ,को मरम्मत का ,सुधरने का मौक़ा मुहैया करवाती है ।
लेकिन जब यही ब्लड क्लोट धमनी में अवांच्छित या गलत जगह बन जाता है तब ये गंभीर इंजरी की वजह बन जातें हैं क्योंकि यही थक्के सामान्य रक्त प्रवाह में रुकावट पैदा करतें हैं .बुढापे में यह क्लोटिंग की समस्या अकसर हो जाती है ।
खून के थक्के दो तरह से स्कीमिया और "ब्रेन इन -फाक्शन "की वजह बन सकतें हैं :
(१)थक्का शरीर के किसी और अंग से शुरू होके रक्त वाहिकाओं से होता हुआ ब्रेन आर्टरी में फंस सकता है .इस स्वतंत्र रूप से भ्रमण करते थक्के को ही एम्बोलस कहा जाता है .अकसर यह पैदा भी दिल में होता है .दिल से दिमाग तक पहुंचता है ।
एम्बोलस से पैदा हुए स्ट्रोक को ही "एम्बोलिक स्ट्रोक कहा जाता है ।
थ्रोम्योतिक स्ट्रोक :यह स्ट्रोक दिमाग की किसी एक आर्टरी में पैदा होकर वहीँ चिपका रहता है तथा धीरे -धीरे बड़ा होकर उसे अवरुद्ध ही कर देता है . नतीजा होता है स्ट्रोक (थ्रोमबोतिक)।
स्कीमिक स्ट्रोक की वजह "स्टेनोसिस" भी बन सकती है , जिसमे आर्टरी प्लाक ज़मा हो जाने से संकरी होती चली जाती है .(प्लाक एक मिश्र होता है वसीय पदार्थों ,जिसमे कोलेस्ट्रोल के अलावा दूसरे लिपिड भी शामिल रहतें हैं ।).
अलावा इसके ब्लड क्लाट्स आर्टरी की दीवार के साथ -साथ बनने लगतें हैं ।
स्टेनोसिस बड़ी आर्टरी में होने पर लार्ज आर्टरी डिजीज तथा छोटी धमनियों (स्माल ब्लड वेसिल्स )में होने पर स्माल वेसिल डिजीज कहाती है ।

अब यदि स्ट्रोक स्माल वेसिल डिजीज से पैदा होता है तब स्माल इन -फाक्शन होता है जिसे लेक्युनर इन -फाक्शन भी कहा जाता है ।
(फ्रान्सिशी भाषा का एक शब्द है लेक्युने जिसका मतलब होता है ,"गैप "या "केविटी "यानी अंतराल /दरार /या विवर /गुहा ।
स्टेनोसिस की सबसे आम वजह बनती है ,ब्लड वेसिल डिजीज "आथिरो -स्केले -रोसिस "।इस स्थिति में लार्ज(प्रमुख ,बड़ी ) और मीडियम साइज़ (मंझोले आकार की )की धमनियों में प्लाक ज़मा हो जाता है ,नतीज़न धमनिया कठोर पड़ जाती हैं अपनी लोच खोके .अन्दर से खुरदरी भी हो जातीं हैं . अंदरूनी लोच ख़त्म होने से धमनियां पूरा रक्त नहीं उठा पातीं .रक्त प्रवाह कम हो जाता है ।
(ज़ारी ...)
विशेष :अगली पोस्ट में पढ़ें "हेमोरेजिक स्ट्रोक "के बारे में .

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