ये झूंठ के वफादार हैं ,अपने मुल्क के हों न हों ,सब लोग एक साथ मिलके झूंठ बोलतें हैं चाहे वह आई एस आई का चीफ हो या आम पुलिसिया .प्रधान मंत्री फ्रांस में जाके झूंठ बोलतें हैं ।
यह उसी तरह से है :जैसे कोई अपने घर में चोर को छिपाले और थाने- दार से कहे -तुम बता तो सकते थे मेरे घर में चोर है ।
सी आई ए इतना नहीं बता सकती थी ,ये लादेन है ,भले हमने ही लादेन को अपने घर में छिपा रखा था ।
क्या इस मुल्क में जिसे वैसे तो कहतें हैं -पाक -इ -स्तान (पाकीज़ा ज़मीं )एक भी व्यक्ति सच नहीं बोलता -अरे कोई एक आदमी तो कह दे ,हमसे गलती हो गई ,हम तस्दीक करतें हैं ,तो कमसे कम इस मुल्क के प्रति यहाँ के बे -कसूर वाशिंदों के प्रति शेष दुनिया की थोड़ी नफरत तो कम हो ।
लेकिन ये जो कुछ कहतें हैं खुदा को हाज़िर नाज़िर करके कहतें हैं ,वो खुदा जो सातवें आसमान पे रहता है उसके हवाले से कहतें हैं ,बाकी दुनिया को जिम्मी और काफिर .यकीन मानिए ये किसी पैगम्बर का नहीं शैतान का विचार है ये पैगम्बर तो यकसां हैं हर धर्म के सिर्फ नाम रूप ,काल खंड जुदा हैं ।
और ये लादेन के भी कहाँ सगे थे उस लम्बू को ये तो बता सकते थे -कुछ लम्बी औरतें अपनी हिफाज़त के लिए रखता ,खुद ६फ़ीत चार इंच का और बित्ता भर औरत को ,ठिग्गी सी को आगे कर दिया ।
अमरीका को किसने बताया इस लादेन की दाईं आँख खराब है उससे दिखता नहीं है .इसीलिए उसकी बाएँ आँख में गोली मारी गई ।
और कैसे जनरल हैं आई एस आई प्रमुख हैं यहाँ -मिलिट्री आकदमी हैं यहाँ -हेली -कोप्तर उड़ते रहे रात के अँधेरे में इनके एक मेहमान को मार गए और इन्हें खबर भी न हुई ।
न ये तर्क करतें हैं न विचार करतें हैं .सिर्फ झूठ बोलतें हैं ,झूंठ का सौदा करतें हैं ,झूंठ के सौदागर हैं .
बुधवार, 4 मई 2011
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