बुधवार, 9 जून 2010

क्यों नहीं खायेंगे 'फास्ट फ़ूड 'आप ?

दी टोक्सिकोलोजिस्ट वोंट ईट 'फास्ट फ़ूड '-सुनील त्रिवेदी ,असोशियेत प्रोफ़ेसर ,दी एन्वायरन्मेंट तोक्सोकोलोजी लेब ,डिपार्टमेंट ऑफ़ जूआलाजी ,लकनाऊ यूनिवर्सिटी .(प्रिवेंसन ,हेल्थ मैगजीन ,अप्रैल अंक ,पृष्ठ ६८ ).
कम समय में अधिक से अधिक प्राप्त करलेने की लालसा ने खान पान की गलत आदतों को प्रशय दिया है ,तरजीह दी है .जबकि तमाम लोकप्रिय किस्म के 'फास्ट फूड्स 'संयोजी (एडिटिव्स )और परि-रक्षी पदार्थों (प्रिज़र्वेतिव्स )से लदेहुए हैं .तकरीबन ३,०००एदितिव्स और प्रिज़र्वेतिव्स में आज सर्वाधिक स्तेमाल मेलिये गएँ हैं ,ब्युताइलेतिद हाई -द्रोजित -टोलुवीन(बी एच टी ),ब्युत्य्लातेद हाद्रोक्स्य -अनिसोल (बी एच ए ),मोनो -सोडियम ग्ल्युतामेत आदि .फ़ूड एडिटिव्स में रंगरेज़ पदार्थ (कलरिंग एजेंट्स )भी शामिल रहतें हैं .एरिथ्रो -साइन (रेड ),कांता -ज़ेन्थिन(ओरेंज ),तथा अन्नात्तो बिक्सिने (येलो -ओरेंज )इनमे प्रमुख हैं .यही किस्म किस्म की एलर्जिक रियेक्शंस ,हाई -पर -एक्टिविटी ,अटेन्सन -देफ़िशित-दिस -आर्डर की वजह बनतेंहैं .कैंसर जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की वजह भी इन्हें बनते देखा गया है .ज़ाहिर है इनमे से कई कार्सिनोजेनिक हैं ।
सेख्रीन और कारमेल त्युमर्स तथा ब्लेडर कैंसर्स की वजह बनतें हैं ।
रेड डाई४० नवजातों में जनजात विकारों की वजह बनता है ।
बी एच ए एक ज्ञात कार्स्सिनोजेनिक (कैंसर पैदा करने वाला पदार्थ है )।
ताज़ा खाना ही सर्वोत्तम है .उसी का चयन कीजिये .बासा जंक टालेरहिये ,कभी कभार एक टुकडा (स्माल बाईट ले ली सो ले ली )।
बीटाकेरोटीन ,विटामिन सी ई ए समूह (एंटी -ओक्सिदेंट्स )कोशाओं को जेनेटिक डेमेज (आनुवंशिक नुकसानी )से बचाए रहतें हैं .टूट फूट की मुरम्मत करतें हैं .फ्री -रेडिकल्स से होने वाली नुकसानी से बचाए रहतें हैं एंटी -ओक्सिदेंट्स .गहरे रंग की तरकारियों ,फलों ,बेरीजमें इनका प्राचुर्य है .कैंसर से बचाव है इनका भोजन में शरीक रहना .थोड़ा सा बस थोड़ा सा अपनी खुराख पर भी ध्यान दीजिये ,लक्ष्यों की प्राप्ति में इसका भी बड़ा योगदान है .

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