सोमवार, 31 मई 2010

माँ -बच्चों का परस्पर अनुराग आइन्दा के लिए भी सुखकर .

लाइव साइंस में प्रकाशित एक अध्धय्यन के मुताबिक़ किशोरावस्था के शुरूआती दौर में माँ -बच्चों का परस्पर रागात्मक जुड़ाव युवावस्था में इन बालकों के लिए आदर्श बन उनके अपने हमउम्रों से संबंधों में भी मिठास बनाए रख सकने में उन्हें ढालने पनपाने में विधायी भूमिका निभा सकता है ।
पेरेंट -चाइल्ड बोंड भविष्य में इनके रोमांटिक रिलेसन -शिप की आंच को बनाए रखने में भी अपना असर छोड़ता है ।
मोंट -क्लेयर यूनिवर्सिटी ,न्यू -जर्सी के रिसर्चर कांस्तांस गगेर कहतें हैं .माँ -बाप से नौनिहालों की प्रीती, संबंधों का एक मोडल, बनकर खड़ी हो जाती हैं .बच्चे रोल मोडिल बना लेतें हैं इस लगाव को .माँ बाप और बच्चों के बीच की लगाव हीनता ,विलगाव या दूरी कुछ सकारात्मक आधार या आदर्श नहीं बन पाती भविष्य के रिश्ते नातों का .
१४ साल के बाद को इस दृष्टि से लेट -अदोलिसेंन्स माना जाएगा .इससे पहले के परस्पर राग -विराग ज्यादा मायने रखतें हैं ।
गगेर और साथियों ने एक अमरीकी सर्वे के नतीजों का विश्लेसन किया है जिसमे ७,००० अमरीकी माँ -बाप शरीक थे .१९९२ -१९९४ के दरमियान पेरेंट्स और १० से १७ साला बच्चों के परस्पर संबंधों की हर साल पड़ताल की गई .२००१ और २००४ के बीच एक बार फिर इन बच्चों से इनके हमउम्रों के बीच पनपने वाले गंभीर रिश्तों डेटिंग आदि के दौरान रोमांटिक रिलेसन -शिप के बारे में जाना गया .एक प्रश्नावली इन्हें दी गई .अब तक ये किशोर -किशोरियां २० -२७ साल तक के हो गए थे .पेरेंट्स और बच्चों से परस्पर संबंधों की गर्माहट के बारे में भी सवाल ज़वाब किये गए थे ।
ग्रोन अप चिल्ड्रन से हमउम्रों से सम्बन्ध में कोंफ्लिक्ट रीजोलयुसन और सेतिस्फेक्सन के बारे में भी सवाल ज़वाब हुए .माँ द्वारा अपने बालकों से सम्बन्ध का ब्योरा भविष्य के संबंधों की सटीक प्रागुक्ति कर रहा था .भविष्य कथन ही था यह एक तरह से .जिन बच्चों का माँ से लाड दुलार वाला नाता था वह अब युवावस्था के इस चरण में भी अपने साथियों के साथ ज्यादा संतुष्ट ज्यादा एड्जस्तिद दिखलाई दिए ।
बेशक गत दशकों में बालकों के जीवन में बाप का भी दखल ,पोजिटिव इंटर -वेंसन बढा है लेकिन उसका बालकों के आइन्दा बनने वाले संबंधों पर अभी उतना असर नहीं दृष्टि गोचर हुआ है .आज भी बच्चों की परवरिश और घरेलू काज में औरत की हिस्सेदारी दो -तिहाई बनी हुई है ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-किड्स क्लोज़ तू मोम्स हेव रोकिंग लव -लाइव्स लेटर (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मे ३१ ,२०१० )

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