'ईटिंग बेक्टीरिया केन बूस्ट ब्रेन -पावर 'यही शीर्षक एक रिपोर्ट काहै जिसे टाइम्स ऑफ़ इंडिया के २९ मई अंक में जगह मिली है .रिपोर्ट के मुताबिक़ चूहों पर संपन्न एक अध्धययन से पता चला है जिन्हें खाने के लिए 'पीनट बटर को एक हानि रहित 'सोइल -बेक्तीरियम'से लिथेड़ कर ,मिटटी में पाए जाने वाले इस जीवाणु से संसिक्त कर दिया गया .उन्होंने एनीमल -मेज़ (भूल -भुलैयां )में पहले से दोगुनी रफ़्तार से दौड़ लगाईं ,रास्ता तलाश लिया फ़टाफ़ट .ऐसा करने में इन्होनें पहले से ज्यादा दिल चस्पी दिखलाई . इन्हें मेज़ में से रास्ता ढूंढनापहले से ज्यादा रास आया ।
इस बेक्टीरिया का नाम है -माइको -बेक्तीरियम -vaccae ,जिसकी आज़माइश सेज -कोलिज़िज़ ,ट्रॉय,न्यू -योर्क के साइंसदानों ने डोरोथी मत्ठेव्स के नेत्रित्व में की हैं .इस स्टडी में कंट्रोल ग्रुप के चूहों को फीड में सिर्फ पीनट दिया गया था .मेज़ से बाहर आने में इन्होनें दोगुना वक्त लगाया .दौड़ में भी पिछाड़ी रहे .
शनिवार, 29 मई 2010
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