आप भी शतायु हो सकतें हैं ,बा -शर्ते आप दस घंटा रोजाना रात भर मीठी नींद लें .पोर्टलैंड स्टेट यूनिवर्सिटी के साइंसदानों ने पता लगाया है ,मानवीय कोशायें (कोशिकाएं ,ह्यूमेनसेल्स )निद्रा के वक्फे में पुनर -उत्पादित होने लगती हैं .रिजेनरेट करतीं हैं .इस दरमियान शरीर से विषाक्त पदार्थों (तोक्स्सींस )की ही निकासी नहीं होती ,प्रतिरक्षा तंत्र (रोग -प्रति रोधी प्रणाली ,इम्यून सिस्टम )की कोशिकाएं भी मजबूत होतीं हैं ।
शरीर की पुनर -चार्जिंग के लिए नींद एक ज़रूरी घटक है .नींद ना सिर्फ ऊर्जा स्राव कर शरीर को संजीवनी प्रदान करती है ,प्रति -रक्षा तंत्र को भी चुस्त दुरुस्त बनाए रखती है .मन और काया के लिए नींद वैसे ही ज़रूरी है जैसे सेल फोन के लिए चार्जर ।
अध्धय्यन से पुष्ट हुआ है जो लोग सौ साला हो जातें हैं उनके दस घंटा रोजाना गाढ़ी नींद लेने की संभावना तीन गुना ज्यादा बनी रहती है .शतायु होने के लिए आप भी दस घंटा बिस्तर पर बने रहिये .घोड़े बेच कर सोइए ।
'किस किस का नाम लीजिये ,किस किसको रोइए ,आराम बड़ी चीज़ है .मुह ढक के सोइए .'
सन्दर्भ -सामिग्री :-१० आवर्स ऑफ़ स्लीप दी की टु लिव टिल हंड्रेड (टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मे३ ,२०१० )
मंगलवार, 4 मई 2010
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