एक परिक्षण के नतीजों के अनुसार जो लोग एच आई वी -एड्स के इलाज़ के लिए 'एंटी -रेट्रो -वायरल ड्रग्स 'नियम निष्ठा के साथ ले रहे थे उनसे अपने हमबिस्तर होने वाले पार्टनर को लगने वाले संक्रमण का ख़तरा ९२ फीसद घट गया बरक्स उनके जिन्हें प्लेसिबो दिया गया ।
इसका मतलब यह हुआ 'एंटी -रेट्रो -वायरल ड्रग्स 'का स्तेमाल एक रन -नीति के तहत रोग के फैलाव को रोकने में एहम रोल अदा कर सकता है ।
वाशिंगटन विश्व -विद्यालय तथा फ्रेड हुत्चिंसों कैंसर रिसर्च सेंटर, सीत्तले (सिएटल )के माहिरों ने उक्त विचारकी पुष्टि की है ।
विज्ञान साप्ताहिक 'लांसेट 'में प्रकाशित एक अध्धय्यन में सात अफ्रीकी देशों के ३३८१ विषम -लिंगी जोड़ों (हेत्रो -सेक्सुअल्स )को शरीक किया गया .इनमे से एकएक एच आई वी -एड्स से संक्रमित (इन्फेक्तिद )था (सरो -दिस्कोर्देंत था एक साथी ।).
इनके खून में 'सी डी फॉर 'कोशिकाओं की जांच की गई .जब इनका स्तर एक न्यूनतम स्तर से नीचे गिर गया तब सिर्फ ३४९ को एंटी -रेट्रो -वायरल -दवा तथा शेष संक्रमित को दवा के नाम पर मीठी गोली (प्लेसिबो यानी छद्म दवा )ही दी गई ।
इनके साथी की जांच करने पर पता चला २४ महीनों के बाद वह भी संक्रमित हो गया ,जबकी ट्रायल के शुरू में वह स्वस्थ था .एच आई वी करियर भी नहीं था .ऐसे साथियों की संख्या १०३ निकली ।
लेकिन इन १०३ ट्रांस -मिसन में से सिर्फ १ ट्रांस -मिसन उस व्यक्ति से अपने साथी तक पहुंचा जो एंटी -रेट्रो -वायरल ड्रग्स ले रहा था ,शेष सभी प्लेसिबो पर थे ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-एच आई वी ड्रग्स रिड्यूस रिस्कऑफ़ ट्रांस -मीटिंग वायरसbaaee ९२ पर sent (दी taaims ऑफ़ india ,mey २८,२०१० )
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