प्रकृति में हरेक चीज़ का जोड़ा है .बलों के भी जोड़े होतें हैं .ए सिंगिल फ़ोर्स इज नोट नॉन तू एग्जिस्ट .न्यूटन का गति कापहला नियम बल की नहीं ,असंतुलित बल ,परिणामी बल की बात करता है .बल की अनु -पस्थिति की बात करता है .'इन दी एब्सेंस ऑफ़ ए नेट फ़ोर्स ए बॉडी वुड आइदर रीमेंन अत रेस्ट और मूव विद ए कोंस्तेंत वेलोसिटी इन ए स्ट्रेट लाइन ।'
लडका है तो लडकी है ,पुरुष है ,तो नारी है .(अलबत्ता भारत में लडका लडकी अनुपात अपवाद स्वरूप विषम हो रहा है ).यहाँ(भारत में ) नियम नहीं अपवाद काम करतें हैं ।
सृष्टि के हरेक कण के पीछे एक प्रति -कण मौजूद है .इलेक्त्रोंन है तो पोज़ित्रोंन (इलेक्त्रोंन विद ए पोजिटिव चार्ज )भी है .प्रोतोंन है तो प्रति -प्रोटोन भी है (इसका एक गुण धर्म प्रोटोन से जुदा है ).फोटोंन और ग्रेवितोंन के प्रति -कण फोटोंन और ग्रेवितोंन विद ए डिफरेंट कोर्दिनेट्स (स्पिन ,नर्तन आदि )हैं ।
गर्ज़ यह ,सृष्टि के प्रत्येक कण के पीछे एक प्रति -कण का अस्तित्व है ।
हाइड्रोजन के सरल तम परमाणु में एक नाभिकीय प्रोतोंन के गिर्द एक इलेक्त्रोंन घूम रहा है .एक ऐसा परमाणु बनाया जा सकता है जिसमे नाभिक के एक एंटी -प्रोतोंन के गिर्द एक पोज़ित्रोंन परिभ्रमण करता हो .यानी प्रति -हाइड्रोजन सिद्धांत तय बनाया जा सकता है .इसी प्रकार पहले एंटी -ओक्सिजन और फिर दो एंटी -हाइड्रोजन और एक -एंटी -ओक्सिजन के मेल से प्रति -जल (एंटी -वाटर) का एक अनु तैयार किया जा सकता है .जल और प्रति जल मिलकर एक दूसरे को भारी विस्फोट के साथ विनष्ट कर देंगे .इसीलिए पदार्थ -प्रति -पदार्थ की सृष्टि में भिडंत नहीं होती .एक यूनिवर्स है तो एक एंटी -यूनिवर्स भी है .दोनों कभी नहीं मिलते नदी के दो किनारों से .
रविवार, 30 मई 2010
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