हम जानतें हैं पृथ्वी अपनी कक्षा में सूरज के गिर्द एक अंडाकार पथ पर घूमती रहती है .कभी सूरज के एक फोकस से दूर तो कभी पास .यही हाल चाँद का है जो हमारी पृथ्वी के गिर्द परिभ्रमण करता कभी अधिकतम दूरी पृथ्वी के केंद्र से बना लेता है तो कभी न्यूनतम (कमसे कम ).दूरतम स्थिति को अपोजी और निकट -तम को पेरिजी कह दिया जाता है .हमारे परस्पर सम्बन्ध भी इन दो स्थितयों के बीच झूलते रहतें हैं ता उम्र .अलबता अपोजी का एक अर्थ 'अपेक्स' भी है यानी उच्चतर- बिन्दु यानी शीर्ष ।
पृथ्वी की कक्षा में घूमते मानव -निर्मित उपग्रह भी दूर पास का यह खेल खेलते रहतें हैं .धूमकेतु भी ऐसा ही करतें हैं पितामह सूरज के सापेक्ष .लघु गृह भी अपने मात्रि-पिंड (मदर स्टार )के सापेक्ष ऐसा ही करतें हैं .गुरुत्व की अद्र्शय डोर इस खेल का सूत्र धार है .
रविवार, 23 मई 2010
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