फ्लाईट रिकोर्दर एकऐसाइलेक्ट्रोनिक उपकरण है जिसे वायुयान में फिट किया जाता और जो एयरक्राफ्ट की पूरी परफोर्मेंस कोदर्ज़ करता चलता है .विमान के दुर्घटना ग्रस्त हो जाने पर हादसे की तह तक जाने में यही मददगार रहता है .उड़ान का पूरा ब्योरा दर्ज़ होता रहता है इसमें ।
इस पर एक नारंगी रंग (ओरेंज कलर )का तापरोधी पैंट किया जाता है ,ताकि स्वेत प्रकाश पड़ने पर यह रोशन हो जाए और आसानी से दिखलाई भी दे जाए .।
वास्तव में विमान में एक नहीं दो -दो ब्लेक्स बॉक्स होतें हैं . .सुरक्षा के मद्दे नजर इन्हें टिटेनियम के बक्से में सील किया जाता है .टिटेनियम एक उच्च गलनांक वाला धातु है .२०१२ फारेन्हाईट तापमान यह ३० मिनिट तक झेल लेता है .फायर रेज़िस्तेंत होने के साथ साथ यह अच्छा खासा वाटर प्रेशर भी सहन कर लेता है ।
प्रत्येक बक्से में एक साउन्डिंग डिवाइस भी फिट रहती है .इसे पिंजर कहा जाता है .यह ३७.५ किलोहर्ट्ज़ पर संकेत प्रकाश छोड़ता है .इस प्रकार यह अपने होने की खबर देता है .इसकी इम्पेक्ट टोलरेंस क्षमता ३४००जी /६.५ एम् एस है .१जी का थड विमान के भार के बराबर होता है .१.६५ थड का इम्पेक्ट भारत के मानकों के हिसाब से सोफ्ट लेंडिंग के तहत आता है .यह एक सोफ्ट लाउड साउंड होती है विमान के लेण्ड करने पर ।
दोनोबक्सों में से एक को 'फ्लाईट डाटा रिकोर्दर' कहा जाता है .इसमें टाइम ,एल्तित्युद एयर स्पीड पिच आदि का ब्योरा दर्ज़ रहता है .मोटे तौर पर विमान मौसम खराब होने पर पिच करता है .यात्रियों से तब सीट बेल्ट कसने को कहा जाता है .तोय्लेट्स यूज़ ना करने को भी कहा जाता है ।
दूसरेबक्से को 'कोक्पित वोईस रिकोर्दर' कहा जाता है .यह अपेक्षाकृत छोटा होता है .इसमें कोक्पित में होने वाली तमाम बातचीत दर्ज़ रहती है .हादसे के क्षण तक की तमाम आवाजें भी रिकोर्ड होतीं हैं .इसे इम्पेक्ट से बचाए रखने के लिए विमान की टेल सेक्सन में समायोजित किया जाता है ।
अन्दर वाटर लोकेटर बीकन की प्रकाश संकेत आवृत्ति ३७.५ किलोहर्ट्स तथा बेटरी लाइफ ६ वर्ष होती है .
सोमवार, 24 मई 2010
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