गुरुवार, 13 मई 2010

यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित एक अध्धय्यन के मुताबिक़ जो लोग काम के बाद तीन -चार घंटारोजाना ओवर -टाइमभी करतें हैं उनके लिए काम के लिएसिर्फ मुक़र्रर घंटों तक काम करने वालों के बरक्स बेड हार्ट प्रोब्लम्स के खतरे का वजन ६० फीसद बढ़ जाता है ।
यह निष्कर्ष एक दीर्घावधि रिसर्च प्रोजेक्ट जिसमे ३९ -६१ साला ब्रितानी नौकरशाहों को शामिल किया गया था के संपन्न होने पर निकाला गया है .प्रोजेक्ट के १९९० आदि के दशक के शुरू होने के आरम्भ में इन सबका दिलभला चंगा , स्वस्थ था .११ साला मोनिटरिंग (मोनितरण के बाद )पता चला ,इनमे से ३६९ स्वयं सेवी या तो परिह्र्दयधमनी - रोग का ग्रास बनने के बाद चल बसे या फिर नॉन -फेटल हार्ट अटेक,या एंजाइना का शिकार बने ।
एंजाइना इज ए पार्शिअल ब्लाकेद इन दी सप्लाई ऑफ़ ब्लड तू दा हार्ट ,विद रेडियेटिंग पैन एमानेतिंग फ्रॉम दी स्टर्नम (चेस्ट बोन लोकेशन )।
रिस्क फेक्टर (खतरे के वजन )का आकलन करते वक्त तमाम अन्य वजहों यथा धूम्रपान ,हाइपर -कोलेस्त्रेलेमिया ,ओवर वेट आदि को भी मद्दे नजर रखा गया .साफ़ पता चला जो नौकरशाह काम के नियत घंटों से तीन या और भी ज्यादा घंटा रोजाना ओवर टाइम भुगताते थे उनके लिए दिल की बीमारियों का ख़तरा ६० गुना बढ़ गया था ।
इनमे से ज्यादा तर अपेक्षाकृत युवा थे .औरतों से मर्दों की संख्या भी इस वर्ग में ज्यादा थी .इनका कामकाजी ग्रेड (अक्युपेश्नल ग्रेड) भी ज्यादा था ।
लेकिन इसका कारण कोम्प्लेक्स है वर्क प्लेस पर आपके सम्बन्ध कैसे हैं इसका अपना असर रहता है ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-ओवर टाइम अप्स हारती अटेक रिस्क बाई ६० %.(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मे १३ ,२०१० )

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