इधर सेक्युलर पुत्रों की ज़मात में एक और नाम जुड़ गया है 'अग उरैया '.आपका एक आलेख टाइम्स ऑफ़ इंडिया के १८ मई अंक में छापा है .शीर्षक है 'इन्दुत्व ऑप्शन '-इफ दी 'एच 'इज द्रोप्डहिंदुत्व इक्युँल्स सेक्युलरिज्म ।
चलिए इसी तर्क को आगे बढ़ातेंहैं ।
इन सज्जन का असली नाम है 'जग सुरैया 'नाम के पहले और दूसरे हिस्से से 'जे 'और एस हठादेनेपर इनका नाम हो जाएगा 'अग अरैया'.
सेक्युलरिज्म में से 'एस 'हठाने पर हो जाएगा 'एक्युँलिज्म '.बेहतर रहेगा .भारत में सारा फसाद सारा वितंडा इसी एक लफ्ज़ को लेकर है .आज हालत यह है 'कहीं से किसी मकान की एक ईंट दरक जाए ,उसमे से चार 'सेक्युलर पुत्र 'निकल आयेंगें .बी .जे .पी को छोड़कर यहाँ हर कोई सेक्युलर है ।
एक और शब्द गढा गया है-सर्व धर्म समभाव .भारतीय संस्कृति को सर्व -समावेशी ,सर्व ग्राही गंगा -जमुनी कहा गया है .हिंदूइज्म को एक वेगवती धारा लेकिन हिन्दुत्व को इक अवरोध की तरह परोस रहें हैं श्रीमान अरैया .आप हिन्दुस्तान में से एच हटा कर उसे 'इंदुस्तान 'और हिदुतव में से एच हटा कर उसे इन्दुत्व कह समझ रहें हैं .कहतें हैं सारे झगडे की वजह यह एच ही है ।
लगता है ज़नाब को इंदिराजी की याद आ गई इसीलियें indutv 'अलाप रहें हैं ।
हमारा मानना है यह शब्दों की बाजीगरी है .ज़नाब 'सेक्युलर लाल 'निष्कर्ष पहले निकाल रहें हैं तर्क बाद में जुटा रहें हैं .इक बार कहा गया था 'इंडिया इज इंदिरा ,इंदिरा इज इंडिया 'कोई बरुआ साहब थे .अरे साहब यहाँ 'कुछ 'था .ऐसा कुछ था यह जो ना कभी छीजा है ना छीज़ेगा वही है हिन्दुस्तान ,हिंदुत्व ...आप इक संज्ञा से ही खिलवाड़ करने लगे.yoon hi nahin kahaa thaa allaamaa ikbaal ne -kuchh baat hai ke hasti mitti nahin hamaari ,barson rahaan hai dushman daure jahaan hamaaraa .
गुरुवार, 20 मई 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें