जो बच्चे सामान्य (योनी -प्रसव )वेजिनल डिलीवरी से पैदा होतें हैं ,वह बर्थ -कैनाल से गुजरने के दरमियान प्रो -तेक्तिव बेक्टीरिया प्राप्त करतें हैं .साइंसदानों के मुताबिक़ यह बेक्टीरिया त्वचा पर बना रहकर अंतड़ियों को अपना उपनिवेश बना लेता है ,यहीं डेरा डाल लेता है .हॉस्पिटल बग्स (हॉस्पिटल बोर्न इन्फेक्संस )से यही हिफाज़त करता है .इम्युनाइज़ेसन का काम करता है यह लाभकारी जीवाणु ।
दूसरी और प्रचलित 'सीजेरियन -सेक्सन "से पैदा होने वाले बच्चे दमा, तरह तरह की एलार्जीज़ का शिकार हो सकतें हैं .अरक्षित बने रहतें हैं बहु -विध इन्फेक्सन से .माँ के बर्थ -कैनाल से प्राप्त बेक्टीरिया इन बेचारों को नसीब नहीं होता ।
विशेष -कथन :चिठ्ठाकार के दो पोतें हैं ,ग्रांड -संस हैं .दोनों पुत्रवधू की पेल्विक इन्कम्पेबिलिती के चलतें सीजेरियन -सेक्सन से जन्मे गएँ हैं .दूसरे का तो जन्म भी निर्धारित कर लिया गया था .दोनों चाइल्ड -हुड एस्मा से ग्रस्त हैं .मौसम की बे -साख्ता मार झेल्तें हैं .
सोमवार, 31 मई 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें