किस्सा छोटा सा ज़रूर है लेकिनं छोटी छोटी बातों से ही सोचने के तौर तरीके ज़ाहिर होतें हैं .हुआ यूं हमारी बिटिया यहाँकेंटन सी वी एस स्टोर (यहाँ फार्मेसी कहतें हैं ) कुछ दवा खरीदने गई .गाडी होना यहाँ न तो कोई अजूबा होता है और न पद प्रतिष्ठा का मुद्दा .ज्यादातर लोगों के पास गाडी भी आराम दायक ही होतीं हैं ।
ऐसी ही एक लग्ज़री कार हमारी बिटिया भी चला रही थी ."टोयोटा हाई -लेंडर "एस यु वी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हिकिल की श्रेणी में गिनती होती है इसकी ।).
हालाकि यहाँ फार्मेसी के बाहर अच्छा खासा स्पेस और पार्किंग लाट होता है लेकिन पार्किंग स्पोट जो खाली थी उसके दोनों तरफ भी बड़ी गाड़ियां ही खड़ीं थीं.गाडी खड़ी करते समय कर्व निगोशिएट करते में चूक हुई और गाडी बिटिया की" फोर्ड एस्केप एस यु वी "से टकरा गई ।
बिटिया एक अपराध भावना से ग्रस्त थी -अरे मैंने एक खड़ी हुई गाडी ही ठोक दी .किम्कर्त्तव्य विमूढ़ ज्यादा देर न रही ।
बिटिया ने सीधे फार्मेसी के अन्दर जाके मेनेजर को संपर्क किया ओवरहेड अनाउन्समेंट (ओवरहेड पेजिंग कराई )कराया -दी ड्राइवर ऑफ़ दी ब्लेक फोर्ड एस्केप टूप्लीज़ रिपोट ऑन दी काउंटर .बिटिया ने उसे सारी बात समझाई -आई एम् सोरी !देयर इज ए बेड न्यूज़ फॉर यु ,आई जस्ट एक्सिदेंतली बम्प्द इनटू दी रायर ऑफ़ योर कार . वह एक अफ़्रीकी अमरीकी बुजुर्ग थे .उन्होंने फ़ौरन कहा -इट्स ओ के !एक्सिदेंट्स डु हेपिन लेट्स हेव ए लुक .
मय मेनेजर तीनों लोग स्टोर से बाहर आये और दोनों ओर के नुकसान का जायजा लेने के बाद उस बुजुर्ग ने कहा -आई फील बेड फॉर यु !योर कार इज मोर डेमेज्ड देन माइन पर्हेप्स नेक्स्ट टाइम यु थिंक ऑफ़ बाइंग "फोर्ड "।
मेनेजर को वापस स्टोर में अन्दर जाना था उसने दोनों से पूछा -डु यु गाईज़ नीड माई हेल्प .दोनों ने कहा हमें एक झाड़ू चाहिए ताकि टूटी हुई लाइटों के टुकड़े हम साफ़ करदें .मेनेजर ने कहा-आप इसकी चिंता न करें यह काम हो जाएगा ।
इत्तेफाकन आज केंटन में तापमान ९५ फारेन्हाईट था जो यहाँ के लिए भरी गर्मी का आज पहला दिन था .लेकिन किसी के भी माथे पे ज़रा भी शिकन नहीं थी .बिटिया ने पुलिस को सिर्फ इसलिए बुलाया ताकि इन्सिडेंट सर्टिफिकेट प्राप्त किया जा सके इन्स्युरेंस क्लेम के लिए .आखिर आकस्मिक घटना का कोई गवाह भी तो होना चाहिए .
पोलिस ऑफिसर के आते ही बिटिया ने कहा -तकलीफ के लिए माफ़ी ।
नोट ए प्रोब्लम !माई जॉब !आई विल ट्राई टू टेक यु गाईज़ आउट ऑफ़ हेयर एज सून एस पोसिबिल .गिव मी टेन मिनिट्स .
दोनों से उसने ज़रूरी कागज़ात (ड्राइविंग लाइसेंस ,इन्स्युरेंस पेपर्स ,गाडी के कागज़ )लिए और कार के डेश बोर्ड में लगी मशीन में फीड किये .
पोलिस वाले ने पांच मिनिट बाद ही इन्सिडेंट सर्टिफिकेट दोनों को थमा दिए और 'ड्राइव सेफ 'कहते हुए चला गया ।
जाते हुए बुजुर्ग ने बिटिया से कहा -होप टू सी यु अराउंड इन केंटन ।
क्या ये सब -इतना स्मूथलीइतनी ही सहजता से मेरे भारत में भी होता ,किसी के भी चेहरे पे कोई शिकन नहीं ,गिला नहीं शिकवा नहीं .यहाँ तो बात बे -बात अब रोड रेज भी होने लगी है .एस यु वी वाले तो ज़रा ज्यादा ही तड़ी में होतें हैं मूळीगाज़र की तरह आम आदमी क्या पुलिस वाले को भी रोंद के निकल जातें हैं .
मंगलवार, 31 मई 2011
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4 टिप्पणियां:
भारत में तो ऐसा सोचना भी असम्भव सा लगता है,
बहुत सुन्दर नमूना आपने पेश की सर, काश यह भारत में भी होता !
होना तो अपने देश में भी ऐसा ही चाहिए.परन्तु यहाँ ज्यादातर लोग अहंकार से ग्रस्त रहते हैं इसलिए ऐसा नहीं करते.सब यदि अपने कर्तव्यों को समझें जैसा आपने उल्लेख किया है तप केंटन की तरह यहाँ भी संभव हो जाए.लेख प्रेर्नापरक एवं अनुकरणीय है.
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