लक्षण क्या हैं सिकिल सेल एनीमिया के ?
जब शिशु चार माह का हो जाता है तब और इसके बाद ही इसके लक्षणों का प्रगटीकरण होता है इससे पहले नहीं ।
पैन फुल एपिसोड्स :दर्द का दौरा सा सभी मरीजों को पड़ता है जो कई घंटो से लेकर कई दिनों तक ज़ारी रह सकता है .इस एहसासे दर्द का निशाना कमर की हड्डियां (बोंस ऑफ़ दी बेक ).,लम्बी लम्बी अस्थियाँ (दी लॉन्ग बोंस )तथा सीना बनता है ।
कुछ मरीजों को कई साल में एक मर्तबा ही इस क्रासिस से दो चार होना पड़ता है ,लेकिन कईयों को एक साल में ही कई पैन एपिसोड्स को झेलना सहना पड़ता है ।
दर्द का दौरा मरीज़ को बे -काबू भी कर सकता है ऐसे में अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है ।
सिकिल सेल एनीमिया के आम लक्षणों में शामिल हैं :
(१)अटेक्स ऑफ़ एब्डोमिनल पैन ।
(२)बोन पैन (अस्थियों में बे तहाशा पीड़ा )।
(३)बे -दमी(ब्रेथ -लेस -नेस)।
(४)यौवन की देहलीज़ पर देर से पाँव रखना यानी वय :संधि स्थल पर देर से पहुंचना (शारीरिक विकास में देरी ),।
(५)फटीग :फटीग एक बे -दमी ,दम ख़म के अभाव का एहसास ,हर दम की थकान यानी एक बनी रहनी वाली ऊर्जा हीनता ।
(६)ज्वर (फीवर का रहना ,होना )।
(७)जौंडिस(हिपेताइतिस)या पीलिया :इसमें चमड़ी ,स्लेश्मल झिल्लियों तथा आँखों का रंग पीला पड़ जाता है .पीतवर्ण बिलिरुबीन रंजक का रंग होता है ,ओल्ड रेड ब्लड सेल्स का एक उप -उत्पाद होता है बिलीरूबिन .इसके अलावा अन्य लक्षणों में शामिल हो सकतें हैं -
(१)चेस्ट पैन (सीने में दर्द )।
(२)बेहद की प्यास का लगना ।
(३)कष्टप्रद और दीर्घावधि तक बने रहने वाला लिंगोथ्थान (इरेक्शन ,वह स्थिति जिसमे खून का अतिरिक्त दौरा शिश्न को रक्त मुहैया करवाने वाली पीनाइल आर्ट -रीज की और होने लगता है और लिंग कठोर बना रहता है ।).यह कंडीशन १०-४०%मरीजों में आ सकती है जिसे प्रिअपिस्म कहा जाता है ।
(४)बीनाई का कमज़ोर पड़ जाना /अंधत्व
(५)ब्रेन अटेक (स्ट्रोक ,सेरिब्रल -वैस -क्युलर -एक्सिडेन्ट्स) का होना ।
(६)चमड़ी में व्रण(स्किन अल्सर्स )का होना ।
(ज़ारी ...).
शुक्रवार, 27 मई 2011
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1 टिप्पणी:
इस उपयोगी जानकारी के लिए आभार।
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हंसते रहो भाई, हंसाने वाला आ गया।
अब क्या दोगे प्यार की परिभाषा?
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