कई मर्तबा चुपके चुपके हमारे अनजाने ही हमारी मुक्तावली का एक मोती बे -आब ही नहीं ,बुरी तरह 'डिके'यानी क्षति ग्रस्त हो चुका होता है .खबर होती है रेडियेटिंग -पैन से जो दांतों से उठकर कान तक आ जाता है .सोते सोते आपकी आँख खुल जाती है .फिर रात काटनी मुश्किल हो जाती है .(अब बे -वक्त तो दांतों के डॉ के पास आप जा भी नहीं सकते ,उसकी क्लिनिक पर ही आना पड़ेगा )।
ठंडा, गर्म ,मीठा पेय खाद्य सभी कुछ लगता है ?दर्द की वजह बनता है दांतों के दर्द की जिसका अपना आवेग ,अपनी इंटेंसिटी होती है ।
कभी कभार मसूड़े में छोटी सी फुंसी या बाबिल भी दिखलाई देता है जिसे दबाने से खून रिसने लगता है .ऐसे में दांत को बचाने का एक ही कारगर तरीका है -रूट कैनाल थिरेपी ,जिसकी उपयोगिता को पहले दांत का एक्स रे उतार कर परखा जाता है .ज़रुरत से ज्यादा क्षति -ग्रस्त दांत को निकालना पड़ता है ।
कैसे की जाती है 'आर सी टी '?
मसूड़े में सुईं से एक अनेस्थेटिक पदार्थ पहुंचाकर दांत के आसपास के तमाम इलाके को संवेदन शून्य कर दिया जाता है .अब डेंटिस्ट ब्लड और क्षतिग्रस्त नर्व -सेल्स को ड्रिल करके साफ कर देता है ,रिमोव करता है .कोई दर्द नहीं होता है इसमें .इसे एक रोगाणु -नाशक से वि -संक्रमित कर दिया जाता है .केविटी को भर दिया जाता है दांतों के सीमेंट से ।
दो से लेकर तीन सेटिंग्स(सिटिंग्स )में होता है यह काम तीन चार दिन के अंतर से .६ माह बाद आप इस पर रूट -कैनाल्ड टीथपर कैप या क्राउन लगवा सकतें हैं ताकि इसे टूटने से बचाया जा सके ।
ट्रीट मेंट लेने के बाद कुछ दिन ज़रुरत के मुताबिक़ दर्द -नाशी और एंटी -बायो -टिक्स दिए जातें हैं ।
सन्दर्भ -सामिग्री ;-प्रिवेंसन ,जून अंक ,पृष्ठ -२४ .
मंगलवार, 15 जून 2010
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3 टिप्पणियां:
धन्यवाद। क्या एक बार रुट केनाल करने के बाद दुबारा कभी मुश्केली नहि होगी? मुझे प्लिझ रिप्ल्याय करे...
धन्यवाद। क्या एक बार रुट केनाल करने के बाद दुबारा कभी मुश्केली नहि होगी? मुझे प्लिझ रिप्ल्याय करे... deepinheart@rediffmail.com
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