मंगलवार, 1 सितंबर 2009

शोध की खिड़की से :ग्रेविटी ट्रेक्टर

गाहे बगाहे लघु ग्रहों के पृथ्वी से टकरा कर यहाँ बखेडा करने की आशंका व्यक्त की जाती रही है .अब इससे निजात दिलाने के लिए एक ऐसे ग्रेविटी ट्रेक्टर का डिजाइन तैयार कर लिया गया है ,जो पृथ्वी की औ बढ़ते किसी संभावित एस्टेरोइड को पृथ्वी पर पहुंचने से पहले ही उसके मार्ग को बदल देगा ।
हम जानतें हैं ,गुरुत्व पदार्थ का एक बुनियादी गुन है जिसके द्वारा वह अन्य चीज़ों को अपनी और आकर्षित भी करता है ,उनके द्वारा आकर्षित भी होता है .जैसे ही यह टोहा जाएगा ,कोई एस्टेरोइड पृथ्वी की और ऐसे मार्ग पर है जहाँ वह पृथ्वी की कक्षा को काटेगा ,वैसे ही ब्रितानी विज्ञानियों द्वारा तैयार डिजाइन पर आधारित ग्रेविटी ट्रक उस और भेजा जाएगा ,जो उसकी सतह से १६० फीट के फासले से अपने ग्रुत्व बल से एस्टेरोइड के मार्ग में विचलन पैदा कर उसे कालांतर में पृथ्वी पर पहुंचने से पहले ही रोक देगा ।
१० मीटरी टन का यह ट्रक ४३०गज फैलाव वाले एस्टेरोइड कोपृथ्वी की कक्षा में आने से रोक सकेगा .जिसके बेरोकटोक पहुंचने पर १९४५ में जापान के हिरोशिमा नगर पर अमरीका द्वारा गिराए एटमी बम से एक लाख गुना ऊर्जा धमाके औ विकिरण के रूप में निकलेगी ।
३० मीटर आकार से ज्यादा कोई भी चीज़ अन्तरिक्ष से यदि पृथ्वी पर पहुँचे तो यह भय्यंकर तबाही मचा सकती है ।
कहतें हैं ६.५ करोड़ साल पहले एक धूम केतु पृथ्वी से आ टकराया था ,जो भीमकाय छिपकिलियों (डा -अयना -सॉर)के विनाश का कारण बना ।
अलबत्ता ग्रेविटी ट्रक ३०० -४०० मीटर भीम काय एस्टेरोइड को भी पृथ्वी की औ आने से रोक सकता है ,जो आम तौर पर १० किलो -मीटर प्रति सेकिंड चाल से पृथ्वी की औ आतें हैं ,ऐसे में बस ज़रा सा टहोका (धक्का गुरुत्व का )काफ़ी है ,मार्ग च्युत करने के लिए ,लेकिन ऐसा कुछ भी करने से पहले एक अन्तर -राष्ट्रीय सहमती ग्रेविटी ट्रक को एस्टेरोइड की औ रवाना करने से पहले बनानी होगी ।
हम जानते हैं ,सेंकडों टन कचरा पृथ्वी की विभिन्न कक्षाओं में बेशाख्ता तैर रहा है ,उसी मलबे के नीचे मैं और आप हैं .औ अब तो बेचारा प्लूटो भी अब एक लघु ग्रह समझा जाता है (प्लेनेतोइड ).छोटे बड़े अनगिन लघु ग्रह मंगल औ बृहस्पति की कक्षाओं के बीच आवारा मसीहा से घूम रहें हैं ,किस किस को रोकियेगा ,कौन कब कहाँ पहूंचेगा ,कोई ख़बर नहीं ,प्रागुक्तियाँ की जाती रहीं हैं ,की जाती रहेंगी .कौन जीता है ,तेरी जुल्फ के सर होने तक .

1 टिप्पणी:

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

सुंदर आलेख, आप का ब्लाग बहुत अच्छा है। लेकिन यहाँ वर्ड वेरीफिकेशन के बक्से के कारण टिप्पणी करने में परेशानी हो रही है। कृपया इसे हटा दें और टिप्पणीकार को आने दें।