एक नए अध्धय्यन के मुताबिक सुडोकू ग्रिड भरने या पहेली का हल खोजने रहने वाले लोग मुटिया सकते हैं .कनाडा में संपन्न इस अध्धय्यन के अनुसार पहेली हल करने के दौरान दिमाग वही ऊर्जा खर्च करता है जो कसरत करने के काम आती है ,व्यायाम करने में खर्च होती है .लिहाज़ा जो लोग इधर ज्यादा दिमाग लगा देंगें वह कसरत से या तो भाग खड़ें होंगे या कमतर व्यायाम ही कर पायेंगे।
अध्धय्यन के दौरान दो समूहों को ८ हफ्ता व्यायाम करने को कहा गया ,लेकिन इनमे से एक समूह को दिन में पहेली भी हल करने को कहा गया .शब्दों का समायोजन एक दिमागी कसरत hai जिसमे utni ही ऊर्जा खर्च होती है जितनी अन्य व्यायाम करने में .लिहाजा देखा गया din me दिमागी कसरत करने वाला समूह उतना मेहनतनहीं करते थे ,उनके व्यायाम से गोल रहने की संभावना बनी रहती थी ।
"यु हेव only सो मच विल पावर "शोध के अगुवाrahin कथ्लीन गिनिस का यही कहना था -"विल पावर इस लाइक ऐ मसल .इट needs तो बी चेलेंज्द तो बिल्द इत्सेल्फ़ "-कथ्लीन का यह भी कथन है ।
सन्दर्भ सामिग्री :-सुडोकू केन मेक यु फेट (टाइम्स आफ इंडिया ,सितम्बर ३० ,२००९ ,पृष्ठ २१ ।)
प्रस्तुती :-वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )
बुधवार, 30 सितंबर 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें