गुरुवार, 24 सितंबर 2009

कार्बन डाय-ऑक्साइड को दफन करने वाले कोयला बिजली घर .

अमरीकी इलेक्ट्रिक कम्पनी ने १९८० में माउन्तेनिअर कोयला बिजली घर स्थापित किया था .तब ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा ,ग्रीन हाउस गैसों का भी कोई ज़िक्र नहीं था ,अब यही विशाल बिजली घर दुनिया में पहली मर्तबा कोयला बिजली घर से निकली कारबन -डाय -ऑक्साइड को ज़मीन में दफनाने के लिए तैयार है .चीन और भारत के प्रतिनिधि इंजीनिअर भी इसका जायजा लेने वहाँ पहुंचे हैं .कार्बन एमिशन औ बिजली घर की राख एक मेजर पोलुटेंट्स हैं ,आस पास की वनस्पति भी बिजली घर की राख से असर ग्रस्त होती है ।
इस प्रोजेक्ट के तहत इस हफ्ते ही पहले तो कार्बन -दाई -ऑक्साइड को एक तरल में तब्दील करेंगे फ़िर इसे ७८०० फीट की गहराई पर मौजूद सेंद्स्तों (बालू -पत्थर )की परतों में पम्प करके पहुंचाया जाएगा ,फ़िर उसके भी ४०० फीट नीचे इसे डोलोमाईट की परतों में भेजा जाएगा .यह वहाँ मौजूददरारों में से खारे पानी को हठाकरख़ुद पसर जाएगा ।
अमरीकी इलेक्त्री पावर (बिजली निगम )का इरादा आइन्दा २-५ सालों में १०० ,००० टनकार्बन डाय -ऑक्साइड बिजली घर के गिर्द बने कुओं में दफनाने का है ,यह मात्रा कुल निसृत कार्बन डाय -ऑक्साइड का मात्र १.५ फीसद ही है ।
यदि यह योजना किफायती साबित होती है ,औ कार्बन उत्सर्जन के ख़िलाफ़ अमरीकी सरकार लगाम कसती है तब बिजली निगम ९० फीसद तक कार्बन -डाय -ऑक्साइड दफन करने के लिए तैयार है ।
फिलवक्त इस प्रोजेक्ट के तहत सिर्फ़ दो कुँए हैं ,एक छोटी सी केमिकल फेक्ट्री है जो चिमनी से निकलने (निसृत )धुएँ को (कार्बन डाय -ऑक्साइड )एक अति शीतित (चिल्ड)अमोनिया आधारित रसायन में मिला देती है .इस मिस्र को अब गर्म किया जाता है ,इस प्रकार जो कार्बन डाय -ऑक्साइड मुक्त होती है उसे पम्प करके कुओं में भेज दिया जाता है ।
योरोप और नार्थ अफ्रिका में इससे बड़े प्रोजेक्ट कार्बन -डाय -ऑक्साइड को केप्चर कर दफन करने के लिए तैयार किए जा रहें हैं ।
नार्थ डाकोटा में :दी ग्रेट प्लेन्स सिन- फ्युएल्स प्लांट कोयले को मेथेन में तब्दील करता है ,शेष बची कार्बन डाय -ऑक्साइड को पम्प करके पाइप लाइंस के ज़रिएकनाडा भेजा जाता है ,जहाँ यह आइल प्रोदक्श्न को एड लगाती है ,स्तिम्युलेट करती है ।
लेकिन माउन्तेनिअयर दुनिया का पहला ताप बिजली घर है जो कार्बन डाय -ऑक्साइड को अलग कर जमीन में गहरे दफन करने को तैयार है ।
सन्दर्भ सामिग्री :-ऐ फस्ट ,कोल -फायर्ड प्लांट त्रईज़ तू बरी इट्स कार्बन -डाइऑक्साइड (टाइम्स आफ इंडिया ,सितम्बर २३ ,२००९ ,पृष्ठ २१ )
प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )विशेष :अमरीकन इलेक्ट्रिक पावर अज कार्बन डाय -ऑक्साइड केप्चर फेसिलिटी इज इन वेस्ट वर्जीनिया .

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