गुरुवार, 3 सितंबर 2009

खगोल विज्ञान की बेहतरी के लिए ....

खगोल विज्ञान एक प्रेक्षनीय विज्ञान है ,जहाँ प्रेक्षणों (ओब्सेर्वेशन्स )के आधार पर निष्कर्ष निकाले जातें हैं .जहाँ से प्रेक्षण लिए जातें हैं ,उसे वेधशाला (ओब्सेर्व्वेट्री )कहा जाता है .अब यदि यह वेधशाला एक ऐसे स्थान पर हो जहाँ तक अभी मानव के कदम नहीं पहुंचे है औ जो स्थान दुनिया का सबसे शांत ,ठंडा ,सूखा (बिना नमी या फ़िर नाममात्र नमी लिए हो ),दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र (अन्तार्तिक ) की गोद में १३२९७ फीट की ऊंचाई पर अंटार्कटिक प्लेटू पर हो तो कहना ही क्या ।
यहाँ से एक बस माडरेट किस्म की दूरबीन से लिए प्रेक्षण पृथ्वी से लिए गए प्रेक्षणों के बरक्स तीन गुना ज्यादा शार्प (वेळ डिफाइंड ) होंगे
विज्ञानियों ने एक ऐसे ही नायाब स्थान को ढूंढ निकाला है ,जिसका नाम रखा है -रिज -ऐ ।
विज्ञानियों की टोली ने उपग्रहों ,अर्थ स्टेशनों (भू आधारित वेधशाला ), climate मोडलों के जोड़ से लिए गए प्रेक्षणों से पता लगाया है ,क्लाउड कवर ,तापमान ,स्काई -ब्राईट -नेस ,जल वाष्प ,पवनों का वेग ,तथा वायुमंडलीय विक्षोभ (एत्मोस्फीअरिक तर्बूलेंस )मिलकर किसी स्थान की वधशाला के लिए उपयुक्त ता का निर्धारण करतें हैं ।
इन सब के मद्दे नज़र ही रिज -ऐ जो अंटार्क्टिक प्लेटू पर १३ ,२९७ फीट की ऊंचाई पर स्तिथ है को अब तक का सर्व श्रेष्ठ स्थान खगोल विज्ञानियों के लिए बतलाया गया है ।
यहाँ अभी तक आदमी के पाँव नहीं पड़ें हैं ,एक दम से शांत नीर -अभ्र (स्वच्छ ),सूखा (ड्राई -ईस्ट )है यह इलाका ।
यहाँ हवा का औसत तापमान शून्य से ७० सेल्सिअस नीचे (-७० सेल्सिअस ),नमी की परत आदमी के बाल सी महीन बनी रहती है ।
यहाँ तारे नहीं टिमटिमाते (तारे हैं ,त्विन्क्लिंग नहीं है ) क्योंकि आकाश के तमाम भागों का वर्त्नांक (रिफ्रेक्तिव इंडेक्स तकरीबन यकसां है वायु -मंडलीय विक्षोभ ना के बराबर है .,जो तारों के टिमटिमाने के लिए ज़रूरी शर्त है ।
यहाँ ना विंड है ,ना मौसम की उथल पुथल ,ना मौसम .तापमान जो शून्य से नीचे (-७० सेल्सिअस )बना रहता है ।
यह स्थान एक अन्तर -राष्ट्रीय वैध-शाला से जिसका संचालन रोबोट्स कर रहें है १४४ किलोमीटर दूर ऑस्ट्रेलियाई दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में पड़ता है .प्रस्तावित चीनी कुन -लूँ बेस यहीं है .,डोम -ऐ ,जो अंटार्क्टिक प्लेटू का और भी ऊंचा स्थान है ।
यहाँ स्थापित अन्य वैध शालाओं ,parbat शिखरों पर स्थापित चिली औ हवाई की अब तक की sarv shreshth वैध शालाओं से बढ़कर है -रिज -ऐ .रेडियो -एस्त्रोनोमार्स (रेडियो -खगोल विज्ञानियों) के लिए बड़ी ख़बर है -रिज -ऐ ।
सन्दर्भ सामिग्री :वर्ल्ड्स कोल्देस्त ,द्रिएस्त ,कामेस्ट ,प्लेस दिस्कवार्ड .(टाइम्स आफ इंडिया ,सेप्टेम्बर २ ,२००९ ).

1 टिप्पणी:

गिरिजेश राव, Girijesh Rao ने कहा…

उन्नत ज्ञान।
एक फोटो भी लगा देते तो कितना अच्छा होता !