कुछ लोगों को ख़ुद का वैद्य बन्ने का अच्छा खासा चस्का होता है .खून को पतला बनाए रखने के लियें (जो इन्होने बिना सन्दर्भ के सूना जाना है )ये लोग एस्पिरिन का सेवन करते रहतें है .एस्पिरिन को लेकर एक वाकक्या(किस्सा ,अनहोनी )यकायक याद आ रही है -आई .ऐ .एस .उत्तीर्ण करने के बाद चार दोस्त इकठ्ठे हुए एक दूसरे को ड्रिंक्स आफर की ,मज़ाक -मज़ाक में एस्पिरिन की टिकिया ड्रिंक्स के हवाले की ,औ टल्ली हो गए ,मज़ाक एक दुघटना में बदल गया ,होनी अनहोनी में ,एक नौज़वान को पेट में रक्त स्राव हुआ ,इन्टरनल ब्लीडिंग हुई ,पेट के अस्तर से ,औ उसे बचाया ना जा सका ।
तो ज़नाब बेहद खतरनाक हो सकता एस्पिरिन का शगल ।
क्या ज़रूरत है ,तंदरुस्त लोगों को हृदय रोग से बचे रहने के लिए ,बिना किसी पूर्व वृत्तांत ,हिस्ट्री के रोज़ एक एस्पिरिन की टिकिया स्वेच्छयाखाना ,खाते रहना ।लेने के देने पड़ सकते हैं ,इस नादानी से ।
एक ताज़ा बैठक में चिकित्सा माहिरों की ब्रितानी चिकित्सकों ने स्काट लैण्ड में किए एक ताज़ा अध्धय्यन के नतीजे विमर्श के लिए रखे ,बतलाया गया ,इससे आंतरिक रक्त स्राव का ख़तरा दोहरा हो जाता है ,दिल के लियें खतरे ज्यादा कम नहीं होते .अध्धय्यन तंदरुस्त लोगों पर ही किया गया था ,पता चला फायदा कम नुक्सानात ज्यादा है ,अपने साथ की गई इस शरारत के ।
मंगलवार, 1 सितंबर 2009
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