औरत की सेहत से जुड़ी है पूरे परिवार की सेहत की नवज ,इसीलिए प्रसन्न -वदना ,अन्नपूर्णा मौतरमाओं का बुढापे को मुल्तवी रख तरो-ताज़ा खूबसूरत बने रहना पर्यावरण की सेहत के लिए भी ज़रूरी है .बस थोडा सा खान -पान रहनी -सहनी में बदलाव बहुत अच्छे नतीजे दे सकता है ।
दिन भर में कितनी चाय -काफ़ी और उसके मार्फ़त चीनी -केफीन आप लेतें हैं ?ग्रीन टी हर मायने बेहतर है क्योंकि यह प्राकृत अवस्था में सिर्फ़ गर्म पानी में डिप करने के बाद सीधी ले ली जाती है ,बिना चीनी और केफीन के .एंटी -ओक्सिदेतिंग ,एंटी -कार्सिनोजेनिक गुणों से भरपूर होने के अलावा ग्रीन टी हल्दी की तरह एक कुदरती एंटी -बायोटिक है ,जो रोगों से बचाए रख कर प्रति -रक्शातंत्र (इम्यून सिस्टम) को कारगर बनाए रखने में मददगार है ।
रोज़ -रोज़ का तनाव कार्टिसोल हारमोन पैदा करता है ,जबकि खुशनुमा लोगों का संग साथ ,तनाव भरे धारावाहिक से हठकर व्यंग्य -विनोद से भरपूर कार्य-क्रम एन्दोर्फींस की मात्रा बढातें हैं -एन्दोर्फिंस का मतलब है -सुखानु -भूति ,एक खुशनुमा एहसास .वैसे तो किसी ने नहीं कहा होगा -लाफ्टर इज दा बेस्ट मेडीसिन .आज इसकी ज्यादा ज़रूरत है क्योंकि जिंदगी से हंसने हँसाने के अवसर छीन गएँ हैं ।
जब आप खिलखिलाकर हँसतें हैं -बहुत सारे मसल्स में खून का दौरा बढ़ जाता है ,चेहरे से तनाव दूर भागता है -झुर्रियां और डार्क सर्किल भी -ग्रीन टी भी यही काम करती है ।
दोनों ही शरीर से तोक्सिंस को बाहर निकालतें हैं ।
फ्रूट से तैयार फेस मास्क चेहरे से मृत कोशिकाओं को हठा देता है .मसलन पपीते से तैयार पपाया प्युरीन में मौजूद एंजाइम (पापेन )ड्राई स्किन को एक्ष्फ़ोलिएत करता है ,डेड सेल्स को हठाकार.अलावा इसके फ्रूट मास्क मेलेनिन के जामा होने को कम करता है .मसलन चोप्द स्ट्राबेरी में मौजूद बीता केरोटिन और विटामिन -ऐ एक प्रोटीन कोलाजन के पुनर -उत्पादन में मदद करता है .ब्यूटी पार्लर की और दौड़ने से झुर्री और डार्क सर्किल नहीं जायेंगे ।
जामुन फालसा रेस्प -बेरी (भारतीय रसभरी ),तथा चैरी एक रंजक पदार्थ -पिगमेंट एन्थो -सायं -निंस से भरपूर है जो एक तरफ़ बीनाई (विज़न ,आंखों की रौशनी )को बढाता है दूसरी और शरीर में रक्त संचरण को .ब्ल्यू -बेरीज ,ब्लेक बेरीज ,हों या शहतूत बुढापें में होने वाले स्मृति ह्रास (मेमोरी लास )को मुल्तवी रखतें हैं .मोटर स्किल्स की सक्षमता को भी कम होने से रोक्तें हैं ।
जल को जीवन कहा गया है -यह स्किन की तर्जिदिती (फिल्स दा स्किन विथ लिकुइड )को बढाकर झुर्रियों का बनना रोकता है .शरीर में पुष्टिकर तत्वों के संवहन ,अपशिष्ट पदार्थों की निकासी में मदद गार है .पाचन और पुष्टिकर तत्वोंके अव्शोष्ण में सहायक है .शरीर के सब अंगों की सफाई के लिए पानी चाहिए -दो ग्लास पानी तो गुर्दों को ही साफ़ सुथरा रखने को चाहिए ,जो दिन रात शरीर से अवांछित पदार्थों को बाहर निकालतें हैं ,दिन रात हमारे शरीर से (त्वचा से वाष्पन के द्वारा )पानी उड़ता रहता है .कुल मिलाकर १० -१२ गिलास पानी हर व्यक्ति को रोज़ पीना चाहिए .त्वचा के लिए बेहतरीन टोनिक है पानी .जेलस की जगह पानी को दीजिये .रहीम दास ने ऐसे ही नहीं कहा था -"रहिमन पानी राखिये बिन पानी सब सून ,पानी गए ना उबरे मोटी मानुस चुन ।"
घर का काम करने ख़ास कर कोर मसल्स को पुष्ट करने वाले काम यथा पानी से भरी बाल्टी उठाकर एक जगह से दूसरी जगह ले जाना ,हथोडे से कील ठोकना ,छत पे लगे जले साफ़ करने में ज़रा भी ना हिचकें .घर का सामान कंधे पे लटका कर लाइए .अस्थि और पेशियाँ सही सलामत रहेंगी काम करती रहेंगी तो जोडों के दर्द (आर्थ्रा -इतिस )से बची रहेंगी गृहणियां .कोर मसल्स (मुख्य पेशियों )को सक्रीय रखने वाले व्यायाम घर में या जिम जाकर कीजिये नीम्बू -वंशीय फल ,संतरे ,फ्रेश लाइम्स आइसो -फ्लेवोंस से भरपूर हैं ,जो ना सिर्फ़ एक कुदरती सन स्क्रीन काया काम करतें हैं ,त्वचा को चमकदार ,लेमन -फ्रेश ,तरो -ताज़ा बनाए रहतें हैं ,होत -फ्लेशिश से भी बचाए रहतें हैं .
चीज़ ,योघर्ट (दही ),टोफू ,फ्लेक्स सीड्स और सोया केल्सिं ऍम से भर पूर सेक्स फूड्स हैं .दूध और केला भी सेक्स हेल्थ के लिए अच्छे हैं .रजो -निवृत्त (मेनोपाज़ल )महिलायें तो वैजाइना के अस्तर के ड्राई बने रहने की वजह से सेक्स में ही अरुचि रखने लगतीं हैं .लेक आफ सेक्स ड्राइव के अलावा मोटापा मेनोपाज़ल महिलाओं को आ घेरता है -केल्सिं ऍम से भर पूर खाद्य पदार्थ इस सब की भरपाई करतें हैं ।
दिन भर में कमसे कम १०,००० कदम ज़रूर चलिए -जोगिंग लसिका तरल की सफाई करती है ,रक्त संचरण को सुधारती है ,बुढापे को मुल्तवी रखता है .जोडों के दर्द का इलाज़ है -सैर .
सोमवार, 28 सितंबर 2009
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