अब पेड़ों से छोटे मोटे कामों के लिए तैयार की जायेगी बिजली -यानी ग्रीन पावर ,जिसे त्री सेंसर के बतौर जंगल की आग और मौसम का पता लगाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा ।
विज्ञानी जानतें हैं और अच्छी तरह से मानतें हैं ,वृक्ष बिजली के (विद्दयुत के )अच्छे वाहक हो सकतें हैं ,यानी बिजली भेज सकतें हैं ,विद्युत -धारा इनमे होकर प्रवाहित हो सकती है .ट्रीज़ कैन कंडक्ट इलेत्रिसिती ।
मासाच्युसेट्स इंस्टिट्यूट आफ टेक्नालाजी के विज्ञानियों ने पता लगाया है ,पेड़ २०० मिलिवोल्ट तक(वोल्टेज )पर बिजली संजोये रख सकतें हैं ।
एक वोल्ट का हजारवां हिसा है -मिली -वोल्ट .लेमन और पोटेटो बेत्रीज़ के द्वारा हम जानतें हैं ,दो विभिन्न धातू की मदद से खाद्द्य सामिग्री में से विद्दयुत प्रवाहित की जा सकती है .(गेल्वानी ने एनीमल सेल का स्तेमाल किया था .)लेकिन पेड़ों से विद्दयुत दोहन करलेने की प्राविधि जुदा है ।
यहाँ दोनों इलेक्ट्रोड्स (परम्परागत नेगेटिव और पाजिटिव )एक ही धातु के काम में लिए गएँ हैं ।
वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रिकल इंजिनीयर (को -औथोर आफ दा स्टडी )कहतें हैं -पूरी गर्मियों के मौसम में सर्वे के बाद पता लगाया गया है -ब्रोद्लीव्स वाले मापिल ट्रीज़ (द्विफल -धारी ,पाँच नोंक वाले देसिदुअस यानी पतझड़ में जिनके पत्ते झड़ जातें हैं ,ऐसे पेड़ .)से कई सौ मिली-वोल्ट तक स्टडी वोल्टेज पैदा किया जा सकता है .बेशक किसी भी विद्दयुत परिपथ (इलेक्ट्रिक सर्किट )में विद्दयुत भेजने के लिए इतना सा वोल्टेज नाकाफी है .लेकिन इसका समाधान एक ऐसा बूस्ट कन्वर्टर बना जो केवल २० मिलिवोल्ट आउट पुट को भी सँजोकर बार बार जुटा कर एक अपेक्षा कृत बड़ा वोल्टेज इकठ्ठा कर पेड़ों से बिजली के दोहन को कामयाब बना सकता है .यानी पेड़ों से प्रयोज्य पावर लेने की एक्सट्रेक्ट करने की तरकीब हाथ आ गई है ,जिससे १.१ वोल्ट तक पोटेंशियल डिफ़रेंस जुटाया जा सका है .इससे लो पावर सेंसर तो चलाये ही जा सकतें हैं ।
बेशक त्री - पावर अभी सोलर और विंड पावर (पवन -ऊर्जा )की तरह दोहनीय नहीं हैं लेकिन यह ऐसे लो पावर सेन्सर्स (तोहक )का संचालन तो कर ही सकती है जो मौसम औ जंगल की आग (फॉरेस्ट फायर )का पता लगा सकतें हैं .लो कास्ट ऑप्शन तो है ही ,वृक्षों से प्राप्त पावर ,देर सवेर इसका स्केल भी बढाया जा सकेगा ।
सन्दर्भ सामिग्री :-ग्रीन पावर :टेपिंग ट्रीज़ फार इलेक्त्रिसिती (टाइम्स आफ इंडिया ,सितम्बर १७ ,२००९ ,पृष्ठ १९ )
प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )
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