सिन्सिन्नती विश्व -विद्द्यालय के शोध छात्रों ने पता लगाया है -एक आम दर्द -नाशी बाम (कामन पेन किलर )अगर दिल का दौरा पड़ते ही त्वचा पर लगा दिया जाए तब दिलकी पेशी को होने वाली नुकसानी को कमतर किया जा सकता है ,लेकिन यह उसी वक्त किया जाए जब अन्य चिकित्सा उपयुक्त कदम नुकसानी को कम करने के लिए उठाये जा रहें हों ।
कीथ जोन्स कहतें हैं अपने एक प्रयोग में जब त्वचा पर ख़ास जगह केप्सासिं इन (कैप्सैसिन)क्रीम माइस को लगाई गई ,तब सेंसोरी नर्व्स (संवेदी -नर्व्सने फ़ौरन स्नायुतंत्र (नर्वस सिस्टम )को एक संदेश भेजा .पता लगा ये सिग्नल दिल में मौजूद प्रो -सर -वाइवलपाथ्वेज़ (जिंदा बच जाने के सहायक मार्गों )को सक्रीय करते देखे गए ।ये पाथ-वेज़ हृद -पेशी की नुकसानी से बचाव करतें हैं ।
केप्सा -सिन चिली -पेपर्स (तेज़ -ज़वा मिर्च ,छोटी सी बहुत तीखी लाल मिर्च )का मुख्य घटक है ,इत इज केप्सा -सिन विच प्रोदुसिज़ हाट सेंसेश्न्स .आग सी इसी की वजह से निकलती है .,लगाने के बाद शरीर के प्रभावित अंग से स्थानीय तौर पर तैयार आम नुस्खों ,दर्द -नाशी स्किन क्रीम्स का भी यह प्रभावी घटक है ।
केप्सा -सिन मलने के बाद कार्डिएक -सेल डेथ में ८५ फीसद कमी दर्ज की गई .जबकि एब्दामन
ऐ किए गए छोटे से चीरे ने नुकसानी को हृद -पेशी की ८१ फीसद कम किया ।
ऐसा प्रतीत होता है विकास क्रम में अन्य जीवो के साथ मानवीय त्वचा भी बचावी उपाय सीख गई है ।
सन्दर्भ सामिग्री :-पेन क्रीम कैन प्रिवेंट डेमेज इन हार्ट अटेक .(टाइम्स आफ इंडिया ,सितम्बर १६ ,२००९ ,पृष्ठ २१ ,केपिटल एडिशन ।)
प्रस्तुती :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )
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