उम्र दराज़ लोगों में जो सबसे ज्यादा उम्रदराज़ हैं उनकीभी उम्र बढाता है व्यायाम ,रोज़ मर्रा की सैर ,ब्रीस्क वाक् भले ही यह टुकडा टुकडा करके दिन भर में १०-१५ मिनिट के लिए कई मर्तबा की गई हो .हर हाल में अच्छी है टहल -कदमी ,पता लगाया है -इजरायली शोध कर्मियों ने ।
चार घंटे का सक्रीय व्यायाम एह हफ्तें में काफ़ी है ,उससे कम अवधि का व्यायाम एक्टिव एक्ष्सर्साइज़ में नहीं गिना जाएगा ।
अध्धय्यन में उन ओक्तोजनेरियन (८०-९० साला )बुजुर्गों को शरीक किया गया जो ८५ साला थे ,इनमे जो हर हफ्ते ४घंटा या और भी ज्यादा अवधि के लिए सप्ताह में मटरगश्ती कर लेते थे उनकी तीन साला अध्धय्यन अवधि के दरमियान सर्वाइवल रेट(उत्तरजीविता की दर)उन हमउम्रों की बनिस्पत (अपेक्षा )तीन गुना ज्यादा दर्ज की गई जो व्यायाम से दूर (इनेक्तिव )रहते थे ।
अध्धय्यन के नतीजे साफ़ -साफ़ इशारा करतें हैं -एक्ष्सर्साइज़ प्रोलांग्स लाइफ इविन इन" ओल्देस्ट ओल्ड "
ज़ाहिरहै उम्र दराज़ लोगों के लिए औ भी ज्यादा उम्रदाराज़ होने का नुस्खा है -चुस्त दुरुस्त एक्टिव रहना ,तभी डॉक्टर्स बारहा कहतें हैं -दिन भर में १० ,००० कदम चलना सेहत के लिए अच्छा भी है ,ज़रूरी भी ।
दादाजी सुबह तीन बजे जमुना में गोता लगा आते थे -अब ना वो जमुना है ,ना वो दादाजी ।
आर्काइव्स आफ इंटरनल मेडिसन में ये शोध क्षात्र लिखतें हैं -नेक काम में देरी कैसी -इत इज नेवर टू लेट टू स्टार्ट .काल करे सो आज कर ,आज करे सो अब ,पल में पिर्लय (प्रलय )आएगी ,फेर करेगा कब ?
जो अब तक निष्क्रिय पडे हुकुम फटकार रहें हैं -उनके लिए भी अच्छी है -कसरत उम्र के अनुरूप -औ दो पैर ही तो आदमी को चौपायों से अलग करतें हैं -चलने के लिए ही तो हैं -गंगा कहे कहे रे धारा ,जमुना कहे कहे रे धारा -तुझको चलना होगा ,तुझको चलना होगा ।
कसरत करने से इनकी सर्वाइवल रेट में भी दो गुना इजाफा दर्ज किया गया ,बनिस्पत उनके जो कसरत नहीं करते थे .भाई साहिब आपको सुपर -एथलीट नहीं बनना है -सिर्फ़ चलते फिरते रहना -बैठे -बैठे हुकुम नहीं फटकारना है सन्दर्भ सामिग्री :-एक्सारसा -इज प्रोलोंग्स लाइफ इविन इन "ओल्देस्ट ओल्ड ".(टाइम्स आफ इंडिया ,सितम्बर १६ ,२००९ ,पृष्ठ २१ )
प्रस्तुती :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )
बुधवार, 16 सितंबर 2009
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