शुक्रवार, 18 सितंबर 2009

अब ड्रग -फ्री गांजा के पौधे ......

मारिजुआना (गांजा )के पौधे में (केनाबिस -प्लांट )में विज्ञानियों ने उस जीन (जीवन -खंड )का पता लगा लिया है जो साइको -एक्टिव पदार्थ टेट्रा -हाइड्रो -केनाबिनोल तैयार करवाता है .आप जानतें हैं मारिजुआना एक मादक पदार्थ है जो भांग के पौधे की पत्तियों को सुखाकर चरस ,गांजा हशीश के बतौर नशा -पत्ता के लिए चोरी -छिपे स्तेमाल किया जाता है .इस पौधे के औषधीय गुन भी कम नहीं हैं ।
मिन्नेसोता विश्व -विद्द्यालय के शोध -कर्मियों ने जिस जीन की पहचान की है उसका स्तेमाल नौजिया ,पेन (दर्द -नाशी )आदि के प्रबन्धन में और बेहतर दवा बनाने में किया जा सकेगा ।
भांग के पौधे पर लगने वाले पुष्पों को जो रोमकूप (टाइनी-हेअर्स )घेरे रहतें हैं ,उन्हीं में यह जीन सक्रीय अवस्था में मौजूद रहता है ।

इस जीवन -खंड की शिनाख्त (पहचान )के बाद अगला स्वाभाविक कदम इसे साइलेंस करनें (सुप्तावस्था में ,निष्क्रिय बनाए रखना )का है .इस प्रकार केनाबिस के पौधे को ड्रग फ्री (मादकता से बरी ,मादकता शून्य )बनाने की दिशा में भी पहला कदम रख दिया गया है .(विष तो तम्बाकू में मौजूद निकोटिन का भी अलग किया जा सकता है ,कोई राजी हो तब ना ,तम्बाकू से बड़ा ख़तरा तुबेको -लाबी है ,यहाँ भी ,वहाँ भी ।)
सन्दर्भ सामिग्री :ड्रग फ्री केनाबिस प्लांट कुम्स क्लोज़र तू रिएलिटी (टाइम्स आफ इंडिया ,सितम्बर १७ ,२००९ ,पृष्ठ १९ )
प्रस्तुती :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )

कोई टिप्पणी नहीं: