शनिवार, 19 सितंबर 2009

गूगल की एस्प्रेसो बुक सर्विस .

अपनी पसंदीदा किताब सही रेक्लिनेष्ण वाली आराम कुर्सी पर बैठ कर पढने का मज़ा कुछ और ही है ,बेशक किताबों के डिजिटल संस्करण ,सी- दीज़ और इ-बुक्स का दौर है ये ,लेकिन यूज़र फ्रेंडली कंप्यूटर के साथ हर कोई कंप्यूटर फ्रेंडली भी हो यह कतईzअरूरी नहीं ।
गूगल जल्दी ही फटाफट -छाप मशीन ,एस्प्रेसो मशीन सेवा उपलब्ध कराने जा रहा है ,जो ३०० पृष्ठ की किसी भी किताब को सिर्फ़ ५ मिनिट में छाप देगी .औ गूगल के पुस्तकालय में फिलवक्त २० लाख डिजिटल किताबें हैं ।
निकट भविष्य में ऐसी विरल किताब भी आपके हाथ में आ सकेगी जो आउट आफ प्रिंट है या फ़िर लेदेकर दुनिया भर में उसकी एक ही पांडुलिपि किसी संग्रहालय में आरक्षित है ।
एस्प्रेसो बुक सर्विस ३०० पृष्ठ की पेपर बेक किताब का आप से कुल ८ डालर वसूलेगी .जहाँ अमेज़न डाट काम एवं सोनी इंक ने इलेक्ट्रोनिक रीडर पैदा किए हैं ,वहीं इंटरनेट सर्च लीडर आप के लिए लेकर आया है -असली किताब -प्रिंट एडिशन डिजिटल किताब का ।
अलबत्ता गूगल अभी एक लिटिगेशन में फंसा हुआ है -जो उन किताबों के प्रकाशन पर अपना फैसला देगा जिनका ना कोई कापी राइट है ,औ ना कोई नाम लेवा ।
सन्दर्भ सामिग्री :-डिजिटल तू गो पेपर्बेक इन अंडर ५ मिनिट्स (टाइम्स आफ इंडिया ,सितम्बर १८ ,२००९ ,पृष्ठ २१ )
प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )

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