व्हाट इज दी आउटलुक फॉर पीपुल विद एनपीडी ?प्रोग्नोसिस ?
ठीक होने की संभावना ,पूर्वानुमान कितना रहता है आत्मरतिक व्यक्तित्व विकार से ग्रस्त व्यक्ति का ?यह मामले की ,बीमारी की ,विकार किस कद्र बढ़ चुका है इसकी गंभीरता पर निर्भर करता है .अलबत्ता रोग से सम्बन्धित अर्जित व्यवहार को तो डी -लर्न किया जासकता है ,बचपन के लालन पालन की अति से पैदा व्यवहार जन्य रोग को नहीं ।
इसी से जुडा एक आखिरी सवाल और नार्सिसिस्तिक पर्सनेलिटी डिस -ऑर्डर सेजुडा भी आखिरी सवाल ?
क्या आत्मरतिक व्यक्तित्व विकार से बचा जा सकता है ?बचावी उपाय और रणनीति क्या हैं ?
फिलवक्त कोई भी ऐसा मालूम और ना -मालूम (ज्ञात /अज्ञात )तरीका नहीं है जिससे इसे रोका जा सके .माँ बाप के हाथों में इस रोग की डोरहै वह अपने बच्चों को कैसी परवरिश देना चाहतें हैं संतुलित ,व्यावहारिक ,सहज या थोपी हुई ?आदर्श मूलक लेकिन ज़बरिया ,जोर -ज़ब्स्ती से जुडी ,उनकी अपेक्षाओं को ,महत्व -कान्क्षाओं को प्रति -बिम्बित करने वाली संभावनाओं सेभी परे .संभावनाओं में जीना अच्छी बात है लेकिन सीमाओं की भी तो पहचान होनी चाहिए अपनी और अपने बच्चों दोनों की .
(समाप्त ).
गुरुवार, 7 अप्रैल 2011
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