प्रोग्नोसिस (एक्स -पेक -टे -शंस )फॉर पार्किन्संज़ डिजीज :
पार्किन्सिंज़ डिजीज इक क्रोनिक बीमारी है जिसका मतलब है इक ऐसे बीमारी जो देर तक बनी रहे ला -इलाज़ तथा प्रोग्रेसिव भी है यानी इसके लक्षण समय के साथ बद से बदतर होते जातें हैं रोग के उत्तरोत्तर बढ़ते चरणों में ।
कुछ लोगों को यह रोग एकदम से अक्षम बना देता है ,कुछ पर थोड़ा रहमो करम ,माइनर मोटर डिस -रप -शन ही होता है इनके मामले में .मोटर डिस -रप- शन का मतलब मूवमेंट्स का विच्छिन होना है .गति संचालन का समन्वयन टूटना है .
कुछ मरीजों में "ट्रेमर" मुख्य लक्षण के रूप में उभरताहै ,जबकि कुछ और में ट्रेमर एक मामूली शिकायत के रूप में ही आता है .,जबकि कई और लक्षण ज्यादा उग्र बने रहतें हैं .ज्यादा दुखदाई साबित होते हैं ।
किसको कौन सा लक्षण कितनी उग्रता के साथ दुःख देगा इसका कोई निश्चय नहीं रहता है .लक्षणों की उग्रता भी सबमे अलग अलाग रहती दिखती है .जीवन सौपान भी .
(ज़ारी...).
शुक्रवार, 22 अप्रैल 2011
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