यह एक नाज़ुक और चकराने वाला सवाल है जिसका कोई सीधा सीधा दो टूक ज़वाब नहीं है .किसी एक ख़ास व्यक्ति में (और हर व्यक्ति अपने आप में ख़ास ही होता है इस मामले में )चिकित्सक इसकी वजह रेखांकित नहीं कर सकता ,सटीक वजह नहीं बतला सकता इसकी ।
अलबत्ता साइंसदान इतना ज़रूर जानतें हैं कौन -कौन सी चीज़ें हैं परिस्थितियाँ हैं , रोगात्मक स्थितियां ,रोग संक्रमण हैं जो एपिलेप्सी की संभावना को बढा सकतें हैं ।
(१)दिमाग में लगने वाली ज़ोरदार चोट (कार क्रेश ,मोटर -साइकिल एक्सीडेंट )
(२)गर्भावस्था के दरमियान कोई रोग संक्रमण जिसका विकासमान भ्रूण (डेवलपिंग फीटस )पर प्रभाव पड़ा हो ।
(३)प्रसव के दौरान नवजात के दिमाग को पर्याप्त ऑक्सीजन न मिल पाना ।
(४)मेनिंन -जाई -टिस(मष्तिष्क तंतु शोथ ),एन -सी -फे -लाइ -टिस या फिर कोई भी ऐसा रोग संक्रमण (इन्फेक्शन )जो दिमाग पे असर करता हो ,दिमाग को असर ग्रस्त कर सकता हो ।
(५)ब्रेन ट्यूमर्स या फिर स्ट्रोक्स (ब्रेन अटेक)।
(६)ज़हरवाद यानी पोइजनिंग मसलन लेड पोइजनिंग ,एल्कोहल पोइजनिंग .
एपिलेप्सी कोई छूतहां रोग नहीं है .किसी और को है इसीलिए आपको नहीं होगा उसके संपर्क से ।
खानदानी विरासत में भी उस तरह नहीं मिलता है ये रोग जैसे नीली आँखें या ब्राउन बाल चले आतें हैं .बेशक यदि किसी का कोई फस्ट डिग्री रिश्तेदार (माँ -बाप ,भाई -बहिन आदि ..)यदि इस रोग से ग्रस्त हो तो उस व्यक्ति के लिए रोग का ख़तरा थोड़ा सा बढ़ ज़रूर जाता है .यह ख़तरा उनके बरक्स ही बढ़ता है जिनके परिवारमें इसका पूर्व वृत्तांत नहीं रहा है .अलबत्ता एपिलेप्सी के आधे मामलों में रोग का कोई पूर्व इतिहास नहीं होता ,पहली बार ही हुआ होता है उस परिवार में यह रोग ।
(ज़ारी..).
बुधवार, 27 अप्रैल 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
2 टिप्पणियां:
राम-राम जी,
एक और बेहतरीन लेख,
महत्वपूर्ण भी है ही इसमें कोई शंका नहीं है।
shukriyaa !bhaisahib !
veerubhai .lekhan ke liye khaskar lok -priy vigyaan lekhan ke liye aisi tippani utsaah badhaati hai .dhanyavaad ek baar fir se .
veerubhai .
एक टिप्पणी भेजें