क्या जब हिस्टीरिया का नाम लेना गुनाह हो गया था हिस्टीरिया नदारद था एक रोग के रूप में ?कुछ डॉ कहतें हैं हिस्टीरिया कहीं नहीं गया था यहीं कहीं था ,बिना रोग निदान के .सिडनी (ऑस्ट्रेलिया )के वेस्ट -माड स्थित चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल ,के मनो रोगों के माहिर कसिया कोज्लो -व्सका ने हिस्टीरिया के २००५ के पुनर -आकलन में "दी हारवर्ड रिव्यू ऑफ़ साइकियेट्री" में एक ई -मेल में लिखा :जो लोग कहतें हैं अब हिस्टीरिया का कोई नामो निशाँ नहीं है वे तर्शरी अस्पतालों में आके देखें यहाँ काम करें उन्हें हिस्टीरिया के अनेक मरीज़ मिल जायेंगें .
बेशक इसका नाम बदल दिया गया -१९८० में अमरीकी मनो रोग संस्था ने "डी एस एम् -३ "के प्रकाशन में इसे "हिस्तेरिकल न्युरोसिस ,कन्वर्शन टाइप "की जगह रोग निदान के नज़रिए से :कन्वर्शन "डिस -ऑर्डर "कहना शुरू कर दिया था ।
इस पर आश्वश्त होते हुए डॉ .विलियम ई .नर्रो ने कहा ;चलो अच्छा हुआ इस शब्द से छुटकारा मिला जो औरतों के लिए अवमानना और आलोचना का सबब बना हुआ था .आप अमरीकी मनोरोग संस्था के शोध प्रभाग के सहायक निदेशक रहें हैं ।
कुछ मान्य पर्यायवाची शब्द हिस्टीरिया के लिए इस दरमियान अन -औपचारिक तौर पर प्रयुक्त किये गए -"फंक्शनल ,नॉन -ओरगेनिक ,साइको -जेनिक ,मेडिकली अन -एक्स -प्लैंड "आदि ।
"मेडिकली अन -एक्स -प्लैंड "तथा" फंक्शनल "का दायरा बहुत बड़ा रहा है जिसमे डिस्ट्रेस का एक बड़ा इलाका आजाता है ,कन्वर्शन डिस -ऑर्डर के अलावा और इसके साथ -साथ ., ४० % मरीज़ ऐसे ही होतें हैं जिनके लक्षणों की ठीक से व्याख्या ही नहीं हो पाती है ।
क्लिनि -शियन अदबदाकर मरीज़ के गुस्से से बचने के लिए उनके एक दम से अशक्त बना देने वाले सीज़र्स को जो वास्तव में हिस्तेरिक मूल के होतें हैं "हिस्तेरिक सीश्जर्स न बतलाकर "गोल मोल ब्लांदरशब्दावली" का स्तेमाल करतें हैं .
नामकरण की इसी बदलती धुंध के बीच लोग इस इलनेस से घिरे रहें हैं .लक्षण भी रोग के बदले नहीं हैं ।
कन्वर्शन डिस -ऑर्डर के वर्गीकरण को लेकर भी तथा रोग निदान के क्राइटेरिया को लेकर भी काया चिकित्सक एक राय नहीं है .रोग के बुनियादी लक्षणों ,कारणों ,एक समूह में इसके पाए जाने ,रोग निदानिक कारणों को लेकर भी खासी धुंध व्याप्त रही है .फिर भी एक अनुमान के अनुसार पश्चिम के अस्पतालों में १-४%रोग निदान के सभी मामलों में से कन्वर्शन डिस -ऑर्डर के ही हैं ।
अलावा इसके -पेशेंट्स हेव हेट्रोजिनियास (विषम लक्षण देखने को मिलतें हैं मरीजों में किसी में कुछ किसी कुछ और )सिम्टम्स देट अफेक्ट एनी नंबर ऑफ़ वोलंटरी ,सेंसरी ऑर मोटर फंक्शन्स ,लाइक-ब्लाइंड -नेस ,पेरेलिसिस ऑर सीज़र्स ।
(ज़ारी ...).
मंगलवार, 26 अप्रैल 2011
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