आधुनिक मनोरोग विज्ञान की शब्दावली अब उन दोनों मानसिक विकारों में भी फर्क कर रही है जिन्हें हिस्टीरिया के तहत "हिस्टीरिया ":सोमाटो -फॉर्म एंड डिसो -शियेटिव कह दिया गया था ।
डिसो -शियेतिव दिस -ऑर्डर्स के अंतर गत अब आतें हैं :
(१)डिसो -शियेटिव एम्निज़िया ।
(२)डिसो -शियेटिव फुगुए ।
(३)डिसो -शियेटिव आई -डें -टीटी डिस -ऑर्डर ।
(४)डि -पर्सोनेलाइज़ेशन डिस -ऑर्डर .
(५)डिसो -शियेटिव डिस -ऑर्डर नोट अदर -वाइज़- स्पेसिफाइड।
जबकि सोमाटो -फॉर्म डिस -ऑर्डर के तहत रखा गया है :
(१)कन- वर्शन डिस -ऑर्डर ।
(२)सोमातिज़ेशन डिस -ऑर्डर को ।
(३)पैन डिस -ऑर्डर ।
(४)हाइपो -कों -ड्री -या -सिस .(रोग भ्रमी होने का लक्षण /गुणधर्म )।
(५)बॉडी डिस -मोर्फिक डिस -ऑर्डर ।
हम अपने ब्लॉग पर इनमे से कई विकारों की विस्तार से अलग से चर्चा कर चुकें हैं .खोजबीन आप कर देखें ।
होता क्या है "सोमाटो -फॉर्म डिस -ऑर्डर्स में "?
मरीज़ इन विकारों में कायिक लक्षणों यथा कमर के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत करता है .लगता यूं भी है उसके हाथ -पैरों को लकवा (फालिज ,पेरेलिसिस )मार गया है .लेकिन इन लक्षणों का कोई भी स्पष्ट कारण मौजूद नहीं रहता है .(मसलन लकवा है लेकिन पेशियों में जान है यह परीक्षण से पुष्ट हो जाएगा )।
फिल्म "वोमेन ऑन दी वर्ज ऑफ़ ए नर्वस ब्रेकडाउन "में एक ऐसी मनोरोग सम्बन्धी फिनोमिना का दिग्दर्शन करवाया गया है जिसकी परिधि में सोमाटो -फॉर्म तथा डिसो -शियेटिव सिम्टम्स आ ज़रूर जातें हैं लेकिन इनका सम्बन्ध अतीत के मनोवैज्ञानिक सदमों से रहता है .ऐसे हादसे जो अन -रिज़ोल्व्द चले आये अव -चेतन की परतों में बने रहें कहीं गहरे दफन हुए ।
हालिया "न्यूरो -साइंटिफिक रिसर्च "क्या कहती है हिस्टीरिया के बाबत ?"।
हिस्त्रेइक एक्तिवितिज़ से जुड़े ख़ास पैट्रन इधर असरग्रस्त रोगियों के दिमाग का अध्ययन करने पर दिखलाई दिए हैं .
"दे -यर आर करेक्टर- स्टिक पैट्रंस ऑफ़ ब्रेन एक्टि -विटी असो -शियेतिद विद दीज़ स्टेट्स .आल दीज़ डिस -ऑर्डर्स आर थोट टू बी अन -कोंशश,नोट फेएंड,प्री -टेंदिद ऑर इन -टेंश्नल मालिन्गेरिंग.".यानी अचेतन में है जो कुछ भी है या हो सकता है मरीज़ द्वारा की गई कलाकारी ,ड्रामे -बाज़ी ,बहाने -बाज़ी नहीं है .
मॉस हिस्टीरिया भी होता है कई मर्तबा जैसे विश्वनाथ प्रताप सिंह -जी के दौर में "मंडल आरक्षण आन्दोलन "के दरमियान हुआ थाएक के बाद एक युवा आत्म ह्त्या करने लगे थे . ,एक बार गणेशजी ही दूध पीने लगे थे ,दुनिया बावली हो उठी थी ।
बेशक जापान की हालिया सुनामी के समय ऐसा नहीं हुआ (हो सकता था )क्योंकि पब्लिक में "नीयर पेनिक रिएक्शन "तो था ही .न्यूज़ आइटम्स ,पब्लिक - वेव ,यु ऍफ़ ओज ,पोपुलर मेडिकल प्रोब्लम्स (प्लेग ,फ़ूड पोइजनिंग ऑन ए मॉस स्केल ),एचाईवी एड्स इन्फेक्तिद गेंग ऑन दी रन ,ब्लेड गेंग हर्टिंग यंग वोमेन आल कैन क्रियेट मॉस हिस्टीरिया .विस्तृत चर्चा फिर कभी .
(ज़ारी...).
सोमवार, 25 अप्रैल 2011
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