बुधवार, 20 अप्रैल 2011

अल्ज़ाइमर्स डिजीज :बचावी रणनीतियां ?

बेशक !फिलाल अल्ज़ाइमर्स रोग से बाचाव का कोई पुष्ट तरीका किसी को भी नहीं मालूम लेकिन बचावी रणनीतियों का अन्वेषण ज़ारी है .सबसे पुख्ता सबूत इस दिशा में यही हाथ लगा है दिल की दुरुस्ती ही मानसिक क्षमताओं के छीजने में मदद कर सकती है ।
दिल की बीमारियों से बचे रहना कोगनिटिव डिक्लाइन (बौद्धिक क्षमताओं के ह्रास और अपक्षय )को मुल्तवी रख सकता है ।
दोनों ही बीमारियों के लिए सांझा जोखिम हैं .जो रिस्क फेक्टर्स दिल की बीमारियों के खतरे के वजन को बढातें हैं वही वैस्क्युअलर डिमेंशिया और अल्ज़ाइमर्स रोग के जोखिम को भी बढातें हैं .
मुख्य जोखिम में शुमार हैं -
(१)हाई -ब्लड -प्रेशर (हाई -पर -टेंशन )।
(२)हाई -कोलेस्ट्रोल ।
(३)एक्सेस वेट (ओवर वेट होना कद काठी के प्रति -कूल ).
(४)डायबिटीज़ ।
तन और मन दोनों का स्वास्थ्य,सामाजिक सरोकारों में भागेदारी और सक्रिय पहल ,जीवन को दिल चस्प बनाए रखने के साथ -साथ ,अल्ज़ाइमर्स जैसे रोगों में भी बचावी सिद्ध हो सकती है ।
(ज़ारी...).

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