रिस्क फेक्टर्स फॉर पार्किन्संज़ डिजीज :
(१)युवजनों को बिरले ही होता है पार्किन्संज़ रोग .प्रौढावस्था में ही इसकी शुरुआत होती है या फिर प्रौढावस्था के पार ,यूं बढती उम्र के साथ रोग का जोखिम भी बढ़ता जाता है ।
(२)आनुवंशिक वजहें :खासकर जब कोई फस्ट डिग्री रिलेटिव इस रोग से ग्रस्त रहा हो रोग के खतरे के वजन को बढाता ज़रूर हैआपके लिए भी लेकिन इतना भी नहीं बा -मुश्किल ४-६ %.
(३)मर्दों के इस रोग की लपेट में आने की संभावना औरतों से ज्यादा रहती है ।
(४)दुनिया भर के हर्बी -साइड्स (खर -पतवार -नाशी ),नाशी -जीव-नाशी यानी पेस्टी -साइड्स से लगातार होता प्रभावन (एक्सपोज़र ),कुछ विषाणु ,आपके लिए खतरे के वजन को थोड़ा सा बढ़ा ज़रूर देता है .
शुक्रवार, 22 अप्रैल 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें