क्या अल्ज़ाइमर्स रोग से बचाव संभव है ?कैसे ?
कोई संपुष्ट तरीका तो इस रोग से बचाव का फिलाल उपलब्ध नहीं है बहर -सूरत बचावी रणनीतियों के मुताल्लिक शोध कार्य चल रहा है ।
अब तक जुटाए गए साक्ष्यों में सबसे बड़ा यही है , इस रोग से बचे रहने के लिए पहले दिल के मर्जों को दूर रखा जाए ,बचा जाए दिल की बीमारियों से ।
कई ऐसे कारण जो हृद रोग के खतरे के वजन को बढातें हैं वैस्क्युलर डिमेंशिया के लिए भी उतने ही खतरनाक हैं ,अल्ज़ाइमर्स रोग के लिए भी ।
इनमे से कुछ इस प्रकार हैं -इन रिस्क्स फेक्टर्स को मुल्तवी रखें -
(१)हाई -ब्लड -प्रेशर (हाई -पर -टेंशन )।
(२)हाई -कोलेस्ट्रोल (हाई -पर -कोलेस्ट्रिमिया)।
(३)वजन का अतिरिक्त रूप से ज्यादा होना कद काठी के एक दम प्रति- कूल ,मोटापे की ओर बढ़ता छलांग लगाता .
(४)डायबिटीज़ ।
तन से मन से ,दोनों की चुस्ती ,सामाजिक कामों सरोकारों में दिलचस्पी और सक्रियता ,दखल ,इन तमाम खतरों के वजहं को कम करके जीवन को दिलचस्प और उल्लासित रखने में विधाई रहती है .
भाई -साहिब !बचाव में ही बचाव है !
मंगलवार, 19 अप्रैल 2011
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