शनिवार, 30 अप्रैल 2011

क्या सेरिब्रल पाल्ज़ी से बचाव संभव है ?

प्रिवेंशन ?
बेशक सेरिब्रल पाल्ज़ी के ज्यादातर मामलों से बचा नहीं जा सकता लेकिन जोखिम कम ज़रूर किया जा सकता है .खासकर वो महिलायें जो गर्भ से हैं या गर्भ धारण करने की इच्छुक हैं ,इस और सोच रहीं हैं वे कुछ कदम गर्भावस्था की पूरी ४० सप्ताह की अवधि में अपनी और अपने होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए उठा सकतीं हैं . तथा गर्भावस्था में होने वाली संभावित जतिलाताओं को अपने से दूर रख सकतीं हैं .
(१)मेक स्युर(स्योर )यु आर वेक्सिनेतिद :मसलन रूबेला का बचावी टीका एक ऐसे संक्रमण से बचा सकता है जो भ्रूण के दिमाग को क्षति ग्रस्त कर सकता है .यानी फीटल ब्रेन डेमेज से सहज ही बचा जा सकता है यह टीका लगवा कर ।
(२)टेक के -यर ऑफ़ योर सेल्फ :आपकाअच्छा स्वास्थ्य गर्भावस्था की पूरी अवधि के दौरान रोग संक्रमण के जोखिम के वजन को कम रखके सेरिब्रल पाल्ज़ी के खतरे को भी कम कर सकता है .
(३)सीक अर्ली एंड कन्तिन्युअस प्री -नेटल केयर :जच्चा और बच्चा की समुचित हिफाज़त के लिए एक शेड्यूल के मुताबिक़ अपनी गाईने -कोलोजिस्त के पास जाते रहना ज़रूरी है .कोई कोताही नहीं होनी चाहिए इन विजिट्स में .सब कुछ दर्ज़ किया जाता है .बच्चे की बढ़वार,सामान्य विकास ,जो समय पूर्व प्रसव ,प्रसव के समय नवजात का लो वेट रह जाना ,संक्रमण आदि के जोखिम को कम रखने में विधायक भूमिका निभाता है .समय पूर्व पैदा हुए बच्चों में ,किसी भी प्रकार की फीटल डिस्ट्रेस से सेरिब्रल पाल्ज़ी का ख़तरा बढ़ जाता है .
(४)प्रेक्टिस गुड चाइल्ड सेफ्टी :कार सीट रखिये (सभी विदेशी कारों में इसका लाजिमी तौर पर प्रावधान रखा जाता है ).भारत में बिना सीट बेल्ट के महिलायें शिशुओं को आगे वाली सीट पे बिठाए देखी जा सकतीं हैं .ड्राविंग करते हुए गोद में भी बच्चों को देखा जा सकता है .यहाँ सीट बेल्ट न बाँधना भी कई लोग शान समझतें हैं -वी आई पी भाव से सोचते हुए "हमारा कोई क्या कर लेगा "।
बेड्स नीचे होने चाहिए ,सेफ्टी रेल्स रहनी चाहिए बच्चों के बेड्स के गिर्द .ऊंची किनारी वाली मशहरी पे हम अपने बचपन में खूब सोये हैं ।
१८ साल से कम उम्र के बच्चे को स्कूटर ,मोटर -बाइक आदि न थमाई जाए किसी भी सूरत में .आखिर ड्राइविंग की एक उम्र होती है ,लाइसेंस प्राप्ति की भी .
(ज़ारी ..)

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